रांची
झारखंड सरकार ने गुरुवार को एक बार फिर कैबिनेट की बैठक आयोजित की, जिसमें राज्य की शिक्षा व्यवस्था, प्रशासनिक पारदर्शिता और जल संसाधन प्रबंधन से जुड़े कई अहम प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में कुल 10 प्रस्तावों पर सहमति बनी। इनमें सबसे महत्वपूर्ण 'झारखंड स्टेट यूनिवर्सिटी बिल' का प्रस्ताव था, जो राज्य की उच्च शिक्षा व्यवस्था में संरचनात्मक बदलाव की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है।
‘झारखंड स्टेट यूनिवर्सिटी बिल’ शिक्षा क्षेत्र में नया अध्याय
राज्य सरकार द्वारा लाया गया 'झारखंड स्टेट यूनिवर्सिटी बिल' झारखंड के विश्वविद्यालयों में प्रशासनिक और शैक्षणिक गुणवत्ता सुधारने के उद्देश्य से तैयार किया गया है। बिल के अनुसार, अब विश्वविद्यालयों में कुलपति और प्रतिकुलपति की नियुक्ति पांच वर्षों की अवधि के लिए की जाएगी। इसके साथ ही, इन पदों के लिए अधिकतम आयु सीमा 70 वर्ष निर्धारित की गई है। यानी कार्यकाल या उम्र जो भी पहले पूरा होगा, उसी के आधार पर नियुक्ति की अवधि समाप्त मानी जाएगी।
सरकार का मानना है कि यह बदलाव न केवल उच्च शिक्षा संस्थानों की स्वायत्तता को मजबूती देगा, बल्कि प्रशासनिक पारदर्शिता और दक्षता में भी उल्लेखनीय सुधार लाएगा। अब तक राज्य में शिक्षा संबंधी कई व्यवस्थाएं बिहार के पुराने कानूनों पर आधारित थीं। झारखंड के गठन के करीब 25 वर्षों बाद यह अधिनियम राज्य की स्थानीय आवश्यकताओं और शिक्षा नीति के अनुरूप तैयार किया गया है।
कॉपी-किताबें और मैगजीन मुफ्त, शिक्षा को मिलेगा बढ़ावा
बैठक में लिए गए अन्य निर्णयों में शिक्षा को लेकर एक और बड़ा फैसला लिया गया। राज्य के गैर सरकारी सहायता प्राप्त विश्वविद्यालयों, मदरसों और संस्कृत विद्यालयों में कक्षा नौ से 10 तक के सभी छात्र-छात्राओं को कॉपी-किताबें और पाठ्यक्रम से जुड़ी पुस्तकें मुफ्त में दी जाएंगी। साथ ही, सरकारी विद्यालयों में कक्षा नौ से 12 तक के लिए Science Magazine और कक्षा 11-12 के लिए Competitive Magazine की छपाई और वितरण को भी स्वीकृति दी गई है। यह कदम विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा के प्रति रुझान बढ़ाने की दिशा में अहम माना जा रहा है।
झारखंड जल संसाधन आयोग का गठन
राज्य में जल प्रबंधन की दिशा में एक और बड़ा फैसला लेते हुए कैबिनेट ने झारखंड राज्य जल संसाधन आयोग के गठन को मंजूरी दी है। आयोग रिवर बेसिन क्षेत्रों में जल की उपलब्धता, उसके बहुआयामी उपयोग, विकास और कुशल प्रबंधन के लिए रणनीति तैयार करेगा। यह झारखंड में जल संकट को दूर करने और सतत विकास की दिशा में अहम भूमिका निभाएगा।
अन्य प्रशासनिक फैसले
कैबिनेट ने इसके अलावा न्यायिक, वित्तीय और प्रशासनिक स्तर पर कई फैसलों को मंजूरी दी। इनमें न्यायिक सेवा नियमावली के अंतर्गत जिला न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति, राजकोषीय गबन की वसूली, वित्तीय लेखा परीक्षा रिपोर्टों को विधानसभा में प्रस्तुत करने और सेवा नियमों के अंतर्गत लंबित मामलों को निपटाने जैसे विषय शामिल रहे। साथ ही राज्य के सचिवालय लिपिकीय सेवा संवर्ग में दो लिपिकों का समायोजन भी किया गया।
झारखंड मैनपावर आउटसोर्सिंग मैनुअल 2025 को मंजूरी
राज्य में मानव संसाधन प्रबंधन को व्यवस्थित और पारदर्शी बनाने के लिए Jharkhand Manpower Procurement (Outsourcing) Manual, 2025 के गठन की स्वीकृति दी गई है। इससे राज्य में आउटसोर्सिंग के जरिए कर्मचारियों की बहाली की प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और प्रभावी होने की उम्मीद है।
इन प्रस्तावों को प्रदान की गई स्वीकृति
1- राज्य में गैर सरकारी सहायता प्राप्त विश्वविद्यालय, मदरसा और संस्कृत विश्वविद्यालयों में कक्षा नौ से लेकर 10वीं के सभी छात्र-छात्राओं को कॉपी किताब, पाठ्यक्रम में मौजूद किताबों का वितरण मुफ्त में किया जाएगा।
2- राज्य के सरकारी विद्यालयों में कक्षा नौ से 12 के लिए Science Magazine और कक्षा-11 से 12 के लिए Competitive Magazine के मुद्रण एवं वितरण की स्वीकृति दी गई।
3- झारखंड राज्य के समेकित विकास के लिए राज्य में स्थित रिवर बेसिनों में जल की अद्यतन उपलब्धता, विकास, इसके बहुआयामी उपयोग तथा कुशल प्रबंधन के लिए प्रथम झारखंड राज्य जल संसाधन आयोग के गठन प्रस्ताव पर स्वीकृति दी गई।
4- राजीव रंजन चौबे, निम्न वर्गीय लिपिक, सहायक जिला आपूर्ति पदाधिकारी कार्यालय, बुण्डू, रांची एवं अफजल हसनैन हक्की, निम्नवर्गीय लिपिक, जिला आपूर्ति पदाधिकारी कार्यालय, रांची की सेवा क्षेत्रीय संवर्ग से झारखंड सचिवालय लिपिकीय सेवा संवर्ग में परिवर्तित करते हुए निम्न वर्गीय लिपिक सम्प्रति कनीय सचिवालय सहायक के पद के खिलाफ समायोजन करने की स्वीकृति दी गई।
5- Jharkhand Manpower Procurement (Outsourcing) Manual 2025 के गठन की स्वीकृति दी गई।
6- झारखंड वरीय न्यायिक सेवा (भर्ती, नियुक्ति एवं सेवाशर्तें) नियमावली, 2001 के नियम 4(a) में उल्लिखित प्रावधान तथा झारखंड उच्च न्यायालय की अनुशंसा के आलोक में, झारखंड वरीय न्यायिक सेवा में जिला न्यायाधीश के पद पर विकेश को सीधी भर्ती द्वारा नियुक्त किए जाने की स्वीकृति दी गई।
7- राज्य योजना अंतर्गत चतरा जिले में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, ईटखोरी के भवन निर्माण की योजना में गबन की गई राशि का उपायुक्त, चतरा द्वारा वसूली कर राजकोष में जमा करने की प्रत्याशा में गबन की राशि के समतुल्य राशि 22,07, 722/- रुपये पुनः आवंटित करने की स्वीकृति दी गई।
8- भारत के नियंत्रक-महालेखापरीक्षक के झारखंड में एकीकृत वित्तीय प्रबंधन प्रणाली पर प्रतिवेदन (झारखंड सरकार, वर्ष 2025 का प्रतिवेदन सं०-1) को झारखंड विधान सभा के पटल पर आगामी सत्र में उपस्थापन की स्वीकृति दी गई।
9- झारखंड उच्च न्यायालय अंतर्गत दायर वाद संख्या-WPS No. 3329/2022, राम विलास सिंह बनाम झारखंड सरकार एवं अन्य के क्रम में राम विलास सिंह, सेवानिवृत्त पदचर की सेवा नियमित एवं सम्पुष्ट किए जाने एवं देय ACP/MACP का लाभ प्रदान किए जाने की स्वीकृति दी गई।
10- भारत के नियंत्रक महालेखापरीक्षक का 31 मार्च 2024 को समाप्त हुए वर्ष की राज्य वित्त लेखा परीक्षा प्रतिवेदन को झारखंड विधान सभा के पटल पर आगामी सत्र में उपस्थापन की स्वीकृति दी गई।