पटना डेस्क/ देश के अलग-अलग हिस्सों में चल रहे किसान आंदोलन को लेकर बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है| नीतीश कुमार ने आज कहा कि 2014 चुनाव से पहले बीजेपी और पीएम मोदी ने किसानों के मुद्दों को लेकर कई वादे किए थे| इन वादों को बीजेपी ने अपने घोषणा पत्र में भी शामिल किया था, लेकिन आज किसानों की क्या हालत है? नीतीश ने कहा कि आज किसानों को उनकी उपज की उचित कीमत तक नहीं मिल रही है| नीतीश ने साथ ही पीएम मोदी को बिहार और यूपी में अभी चुनाव कराने की चुनौती भी दी| किसानों के लिए राष्ट्रीय नीति नहीं बनाने पर सरकार को सुनाया |
नीतीश ने किसानों के संकट के संबंध में राष्ट्रीय स्तर पर नीति नहीं बनाने के लिए मोदी सरकार की आलोचना की| नीतीश ने कहा कि सबसे पहले तो किसानों के लिए उत्पादन मूल्य का निर्धारण होना चाहिए| उन्होंने मंदसौर घटना और महाराष्ट्र के किसान आंदोलनों के संदर्भ में कहा कि कोई समस्या खड़ी होने पर लोन माफ कर देना जैसे उपायों से फौरी तौर पर तो राहत मिल जाएगी लेकिन कृषि संकट दूर नहीं होगा|
नीतीश कुमार ने कहा कि पिछले दिनों किसी ने बिहार में फिर से चुनाव कराने को कहा ‘मैं बिहार में कल ही चुनाव कराने को तैयार हूं लेकिन यूपी में भी चुनाव कराइए| यूपी और बिहार के बीजेपी-एनडीए के सांसद-विधायक इस्तीफा दें| अगर हिम्मत है तो ऐसा करें, बिहार में कल ही चुनाव करा दूंगा|’
नीतीश ने किसानों की आमदनी दोगुनी करने के मोदी सरकार के वादे का भी जिक्र किया| उन्होंने कहा कि आज किसान की आमदनी ग्रुप डी के कर्मचारी से भी कम है| उनके लिए राष्ट्रीय स्तर पर सोच विकसित करनी होगी| नीतीश कुमार ने कहा, ‘किसान संकट का इससे बड़ा प्रमाण क्या होगा कि मराठा, जाट, पाटीदार जैसे समूह जो कभी कृषि क्षेत्र में काफी सशक्त थे आज इतने पिछड़ गए कि आरक्षण की मांग के लिए मजबूर हो गए| विभिन्न प्रांतों में लोग आज आरक्षण की मांग कर रहे हैं तो यह वाकई में किसान संकट है|’