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अस्पतालों से नहीं बाहर से दवाएं ले रहे है मरीज : सिद्धार्थनाथ

अस्पतालों से नहीं बाहर से दवाएं ले रहे है मरीज : सिद्धार्थनाथ

लखनऊ डेस्क/ चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह का दावा है कि सरकारी अस्पतालों में दवाओं की कमी नहीं है जबकि हकीकत यह है कि केजीएमयू समेत राजधानी के सभी सरकारी अस्पतालों में जीवन रक्षक दवाओं समेत सामान्य दवाएं मरीजों को नहीं मिल रही हैं। एनबीटी ने गुरुवार को सरकारी अस्पतालों का जायजा लिया तो पता चला कि ज्यादातर मरीज दवाओं के लिए भटक रहे हैं। हालत यह है कि पर्चे पर लिखीं दवाएं मरीजों को बाहर मेडिकल स्टोर से खरीदनी पड़ रही हैं।

बलरामपुर अस्पताल के दंत रोग विभाग की ओपीडी में फैजुल्लागंज निवासी प्रीति ने गुरुवार को डॉक्टर को दिखाया। प्रीति ने बताया कि उनके दांत में दर्द है। दांत में पानी भी लगता है। डॉक्टर ने कई दवाएं लिखीं। एक ऐंटीबायोटिक दवा पर्चे के पीछे भी लिखी और कहा कि बाजार से खरीद लेना। प्रीति ने अस्पताल के मेन गेट के सामने एक मेडिकल स्टोर से 241 रुपये की दवा खरीदी। इसी तरह सिर दर्द की समस्या लेकर न्यूरॉलजी विभाग की ओपीडी में पहुंचीं चौक निवासी रुखसाना को भी 385 रुपये की दवाएं बाहर से खरीदनी पड़ीं। बलरामपुर अस्पताल के निदेशक डॉ. राजीव लोचन बताते हैं, ‘अस्पताल में दवाओं की कमी नहीं है। ओपीडी में दवा मैनेजमेंट में प्रॉब्लम हो गई थी। इसे ठीक करवाया जा रहा है।’ गर्भवती महिलाओं को जरूरी दवाएं भी नहीं मिल रही हैं। हाल यह है कि ब्रूफिन, प्लेसेंट्रेक्स इंजेक्शन, बोट्रोक्लॉट इंजेक्शन समेत इम्यूनोसिन समेत कई सामान्य और जरूरी दवाएं इन सेंटरों में नहीं हैं।

केजीएमयू में दर्द, ड्रेसिंग, ऐंटीबायॉटिक, रुई, सीरिंज, कीमोथेरेपी की दवा, सूचर (टांके लगाने वाला धागा), नेबोलाइजर, मास्क समेत कई महत्वपूर्ण दवाएं और सर्जिकल उपकरणों की कमी है। संस्थान के मुख्य दवा स्टोर के फार्मासिस्ट ने बताया कि कंपनी से दवा की मांग की गई है। केजीएमयू में लिस्टेड 60% दवाएं आ चुकी हैं जबकि 40% दवाएं अभी नहीं मिली हैं।

स्वास्थ्य विभाग में सीएमएसडी के निदेशक डॉ. रुकुम ने कहा, ‘दवाओं की खरीद ऑनलाइन है। अस्पताल अपने स्तर से दवा खरीद सकते हैं। कई अस्पताल दवा खरीदने का ऑर्डर तो कर देते हैं, लेकिन रिसीव नहीं करते। ऐसी कई शिकायतें मिली हैं। यह व्यवस्था जल्द दुरुस्त करवाई जाएगी।’ उधर केजीएमयू में डॉ. एसएन शंखवार ने बताया, ‘ज्यादातर दवाएं आ गई हैं। जो दवाएं नहीं है, उनकी मांग कंपनी को भेज दी गई है। कंपनी ने जल्द सप्लाई का आश्वासन दिया है।’

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