लखनऊ डेस्क/ प्रमुख सचिव ऊर्जा और यूपी पॉवर कारपोरेशन के चेयरमैन आलोक कुमार ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि प्रदेश में जो भी बिजली के बकाएदार हों सबकी बिजली काट दी जाए। अगर सरकारी विभाग बकाएदार हैं तो उन्हें भी छूट नहीं दी जाए। इसमें अस्पतालों पर कार्रवाई न करने की बात कही गई है। प्रमुख सचिव ऊर्जा गुरुवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सभी विद्युत वितरण निगमों के प्रबंध निदेशकों के साथ समीक्षा कर रहे थे।
उन्होंने 15 अक्टूबर तक सभी बिजली उपभोक्ताओं का ब्यौरा ऑनलाइन करने को भी कहा। प्रमुख सचिव ने कहा कि सरकारी विभागों के कार्यालय और आवासीय परिसरों में अलग-अलग मीटर लगाए जाएं। बिजली चोरी रोकने के लिए बिना किसी भेदभाव के हर क्षेत्र में जांच और कार्रवाई जाए। लेजरीकरण, मीटर लगाने, बिल वितरण बढ़ाने और नए कनेक्शन देने के लिए अभियान चलाते रहें। इस वर्ष रिकॉर्ड स्तर पर बिजली सप्लाई हो रही है। 2018 में यह और बढ़ेगी। इसलिए जरूरी है जितनी बिजली सप्लाई हो रही है उतनी ही वसूली हो जाए।
लखनऊ में 33 फीसदी से अधिक लाइन लॉस पर चेयरमैन का पारा चढ़ गया। उन्होंने अफसर से कहा कि वे फील्ड में उतर कर हर घर चेक करें। चेयरमैन ने अफसरों से कहा कि अगर चेकिंग के दौरान पुलिस सहयोग न करे या एफआईआर दर्ज करने में आनाकानी करे तो सीधे शक्ति भवन मुख्यालय को बताएं। यहां से पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के माध्यम से कार्रवाई कराई जाएगी। ऐसे पुलिस वालों पर कार्रवाई के लिए गृह विभाग और डीजीपी को लिखा जाएगा।
मीटिंग के बाद से ही अफसर बिजली बकायदारों पर कार्रवाई का प्लान तैयार कर रहे हैं। जल्द ही फील्ड में उतरकर एक्शन लिया जाएगा। इसके साथ ही लाइन लॉस को लेकर भी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस के साथ मिलकर बिजली विभाग के अधिकारी उन इलाकों में चेकिंग करेंगे जहां से ज्यादा लाइन लॉस होता है।