लखनऊ डेस्क/ आगरा जिला प्रशासन ने 48 घंटों के दौरान जिले में कोविड-19 के 28 मरीजों की कथित तौर पर मौत होने संबंधी कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के ट्वीट पर नाराजगी जाहिर करते हुए इसे भ्रामक बताया और 24 घंटे के अंदर इसे वापस लेने को कहा है। आगरा के जिलाधिकारी प्रभु नारायण सिंह ने सोमवार को प्रियंका को ई-मेल के जरिए भेजे गए पत्र में कहा है कि कांग्रेस महासचिव का यह दावा बेबुनियाद और भ्रामक है। हालांकि, प्रियंका अपने रुख पर कायम हैं।
जिलाधिकारी ने पत्र में कहा है, “ट्विटर पर डाली गई पोस्ट प्रथम दृष्टया भ्रम की स्थिति पैदा करती है। इससे यह संदेश गया है कि आगरा में 48 घंटे में कोरोना से संक्रमित 28 मरीजों की मृत्यु हुई है। यह सूचना असत्य और निराधार है।” उन्होंने कहा कि इस समय पूरे भारत के लोग कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लड़ रहे हैं और यह पोस्ट कोरोना योद्धाओं तथा जन सामान्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालने के साथ-साथ भय का वातावरण भी उत्पन्न करती है। दरअसल सोमवार को प्रियंका के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से जारी किए गए एक पोस्ट में कहा गया था कि, “आगरा में 48 घंटे में भर्ती हुए 28 कोविड-19 मरीजों की मृत्यु हुई है।
उत्तर प्रदेश सरकार के लिए यह कितनी शर्म की बात है कि इसी मॉडल का झूठा प्रचार करके सच दबाने की कोशिश की गई। सरकार की ‘नो टेस्ट-नो कोरोना’ की नीति पर सवाल उठे थे लेकिन सरकार ने इसका कोई जवाब नहीं दिया। अगर उत्तर प्रदेश सरकार सच दबाकर कोविड-19 के मामले में इसी तरह लगातार लापरवाही करती रही तो यह बहुत घातक होने वाला है।” जिलाधिकारी ने कहा है कि गांधी इस भ्रामक और झूठी खबर का 24 घंटे के अंदर खंडन करना सुनिश्चित करें ताकि कोविड-19 के समय में सभी नागरिकों और किसी भी पद पर कार्यरत कर्मी को स्थिति की सही जानकारी मिल सके और इस महामारी से बचाव में लगे हुए कर्मियों के मनोबल को ठेस न पहुंचे।