Business, हिंदी न्यूज़

वड़ोदरा स्थित डायमंड पॉवर की 1122 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की

वड़ोदरा स्थित डायमंड पॉवर की 1122 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की

नई दिल्ली डेस्क/ ईडी ने धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत डायमंड पॉवर इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड के प्रमोटरों-निदेशकों-सुरेश नारायण भटनागर, उनके दोनों बेटों अमित सुरेश भटनागर व सुमित सुरेश भटनागर की कुछ संपत्तियों को भी जब्त किया है। डीपीआईएल केबल व दूसरे बिजली के उपकरणों के व्यापार से जुड़ी है। डीपीआईएल पर कथित तौर पर साल 2008 से धोखाधड़ी से उधार की सुविधा का लाभ लेने का आरोप है। कंपनी पर 29 जून, 2016 तक 2,654.40 करोड़ रुपये का कर्ज बकाया है, जिसे बैंकों के एक संघ व निजी संगठन द्वारा मंजूर किया गया था।

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने इनके खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज किए जाने के 23 दिनों बाद 18 अप्रैल को राजस्थान के उदयपुर से तीनों को गिरफ्तार किया था। सीबीआई मामले में भ्रष्टाचार के आरोपों की भी जांच कर रही है। सीबीआई द्वारा दाखिल प्राथमिकी के आधार पर दायर धनशोधन मामले के तहत ईडी वित्तीय अनियमितताओं की जांच कर रहा है। ईडी ने नौ अप्रैल को डीपीआईएल के निदेशकों के आवासों, फैक्ट्री परिसर व कॉरपोरेट कार्यालय पर छापेमारी की थी।

सीबीआई ने 26 मार्च को डीपीआईएल व इसके निदेशकों के खिलाफ 11 बैंकों के संघ के साथ धोखाधड़ी का एक मामला दर्ज किया। इनके द्वारा लिए गए कर्ज को 2016-17 में गैर-निष्पादित संपत्ति (एनपीए) घोषित किया गया था। बैंकों के संघ द्वारा कर्ज सीमा की मंजूरी के समय यह कंपनी भारतीय रिजर्व बैंक की डिफाल्टरों की सूची में तथा एक्सपोर्ट क्रेडिट गारंटी कॉर्प ऑफ इंडिया (ईसीजीसीआई) की सतर्कता सूची में शामिल थी, फिर भी यह मियादी कर्ज व ऋण सुविधा हासिल करने में सफल रही थी।

कर्ज देने वालों की सूची में बैंक ऑफ इंडिया 670.51 करोड़ रुपये के साथ शीर्ष पर, इसके बाद बैंक ऑफ बड़ौदा (348.99 करोड़ रुपये), आईसीआईसीआई (279.46 करोड़ रुपये), एक्सिस बैंक (255.32 करोड़ रुपये), इलाहाबाद बैंक (227.96 करोड़ रुपये), देना बैंक (177.19 करोड़ रुपये), कॉरपोरेशन बैंक (109.12 करोड़ रुपये), एग्जिम बैंक ऑफ इंडिया (81.92 करोड़ रुपये), आईओबी (71.59 करोड़ रुपये) व आईएफसीआई (58.53 करोड़ रुपये) शामिल हैं। सीबीआई की प्राथमिकी में कहा गया है कि डीपीआईएल अपने संस्थापकों व निदेशकों के जरिए विभिन्न बैंकों के अज्ञात बैंक अधिकारियों के साथ आपराधिक साजिश में शामिल रही है। डीपीआईएल ने इन बैंकों के साथ फर्जी खातों, फर्जी दस्तावेजों के जरिए सार्वजनिक धन का दुरुपयोग कर धोखाधड़ी की है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *