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सर्राफा बाजार में सोने की कीमत 91,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के पार पहुंची, Gold बना सुपर लग्जरी एसेट

नई दिल्ली
 सोने की कीमत रोज-रोज नए रेकॉर्ड बना रही है। दिल्ली सर्राफा बाजार में सोने की कीमत 91,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के पार पहुंच गई। यानी एक किलो सोने की कीमत 91 लाख रुपये के पार पहुंच गई है। इतने पैसों में आप आप एक BMW या Audi जैसी गाड़ी खरीद सकते हैं। 1990 मेंएक किलो सोने की कीमत में सिर्फ एक मारुति 800 आती थी। BMW X1 की शुरुआती कीमत लगभग 50.80 लाख रुपये है। वहीं नई X3 पेट्रोल/डीजल मॉडल की कीमत 97.80 लाख रुपये है। एक किलो सोने की कीमत में आप Audi A4, S5, A6 और Q3 जैसे मॉडल भी खरीद सकते हैं।

SEBI में रजिस्टर्ड रिसर्च एनालिस्ट ए के मंधान ने 16 मार्च को एक ट्वीट किया था। उन्होंने बताया कि कैसे सोने की कीमतें कारों की तुलना में बदल गई हैं। 1990 में 1 किलो सोना Maruti 800 खरीदने के लिए काफी था। साल 2000 तक इससे Maruti Suzuki Esteem खरीदी जा सकती थी। 2005 में यह एक Toyota Innova खरीदने के लिए पर्याप्त था। 2010 तक एक Toyota Fortuner खरीदी जा सकती थी। 2019 तक 1 किलो सोना BMW X1 खरीदने के लिए काफी था।

कहां तक जाएगी कीमत

उन्होंने ट्वीट किया, '1 किलो सोना रखिए और 2040 तक इंतजार कीजिए… शायद आप एक प्राइवेट जेट खरीद सकें।' पिछले तीन साल से सोने की कीमतें तेजी से बढ़ रही हैं। 2024 में इसने पिछले दस साल में सबसे अच्छा प्रदर्शन किया। बीते साल सोने की कीमत में 26% की बढ़ोतरी हुई है। सेंट्रल बैंकों की खरीदारी और दुनिया में तनाव से सोने की चमक बढ़ी।

2025 में अब तक सोने की कीमत में 15% की वृद्धि हुई है। इसका मतलब है कि प्रति 10 ग्राम सोने की कीमत लगभग 11,735 रुपये बढ़ गई है। सोने की ताकत लगातार बढ़ रही है। यह हर साल ऊपर जा रहा है। जानकारों का कहना है कि सोने की कीमतें अभी और बढ़ेंगी। दुनिया में तनाव के कारण लोग सोना खरीदना पसंद कर रहे हैं। मध्य पूर्व में अस्थिरता और चीन की अतिरिक्त आर्थिक प्रोत्साहन योजनाओं ने सोने की सुरक्षित ठिकाने की मांग को और बढ़ा दिया है।

विशेषज्ञों के अनुसार, गाज़ा संकट और ट्रेड टैरिफ को लेकर बढ़ती चिंताओं के कारण निवेशक जोखिम भरे एसेट्स से दूरी बनाकर सोने में निवेश कर रहे हैं, जिससे इसकी कीमतों में लगातार इजाफा हो रहा है।  

1947: ₹8,000
1948: ₹9,587
1949: ₹9,417
1950: ₹9,918
1951: ₹9,805
1952: ₹7,681
1953: ₹7,306
1954: ₹7,775
1955: ₹7,918
1956: ₹9,081
1957: ₹9,062
1958: ₹9,538
1959: ₹10,256
1960: ₹11,187
1961: ₹11,935
1962: ₹11,975…

बता दें कि बीते 3 वर्षों में सेंट्रल बैंकों की खरीद और वैश्विक तनाव के चलते इसकी कीमतों में जबरदस्त तेजी देखी गई है। 2024 में भी यह रैली जारी है, और विश्लेषकों का मानना है कि वैश्विक अनिश्चितताओं और आर्थिक प्रोत्साहन उपायों के कारण सोने की कीमतें और ऊंचाई छू सकती हैं।

 

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