नई दिल्ली डेस्क/ केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण और पीयूष गोयल सहित राज्यसभा के लिए निर्वाचित 27 सदस्यों ने शुक्रवार को उच्च सदन की सदस्यता की शपथ ली. सांसद के रूप में अपना कामकाज आरंभ करने से पहले इन सदस्यों ने राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू की मौजूदगी में राज्यसभा के कक्ष में संविधान के प्रति निष्ठा की शपथ ली. शपथ लेने वाले 27 सदस्य 10 राज्यों से हैं ओर उन्होंने नौ भाषाओं में शपथ ली। बारह सदस्यों ने हिंदी में और चार ने अंग्रेजी में शपथ ग्रहण की जबकि दो-दो सदस्यों ने संस्कृत, कन्नड़, मराठी और ओड़िया भाषा में शपथ ली। एक-एक सदस्य ने पंजाबी, तमिल और तेलुगु में शपथ ग्रहण की. हाल ही में राज्यसभा के लिए निर्वाचित 57 सदस्यों में चार ने पिछले दिनों उच्च सदन की सदस्यता की शपथ ली थी।
शपथ ग्रहण समारोह के बाद कुछ नेताओं और सदन के सदस्यों से संवाद के दौरान नायडू ने स्पष्ट किया कि निर्वाचित सदस्यों में से जिन्होंने शपथ नहीं ली है, वे भी 18 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में भाग ले सकते हैं। इससे जुड़े सवालों पर प्रतिक्रिया देते हुए नायडू ने कहा कि राज्यसभा चुनाव में जीतने वालों की अधिसूचना जारी होने की तारीख से उम्मीदवारों को सदन का सदस्य मान लिया जाता है और शपथ ग्रहण सदन की कार्यवाही और समितियों की बैठकों में हिस्सा लेने के पहले अनिवार्य है। शपथ लेने वालों में कांग्रेस के जयराम रमेश, विवेक तन्खा और मुकुल वासनिक, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सुरेंद्र सिंह नागर, के लक्ष्मण, कल्पना सैनी और लक्ष्मीकांत वाजपेयी शामिल थे। इनके अलावा राष्ट्रीय लोकदल के जयंत चौधरी, बीजू जनता दल की सुलता देव और ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) के आर धरमार ने भी उच्च सदन की सदस्यता की शपथ ली।
कुल निर्वाचित 57 सदस्यों में 14 सदस्य ऐसे हैं, जिनकी फिर से राज्यसभा में वापसी हुई हैं | सदस्यों को संबोधित करते हुए सभापति नायडू ने कहा कि संसद का आगामी मानसून सत्र कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए होगा और सदस्यों को उचित दूरी का पालन करना होगा। उन्होंने सदस्यों से सदन में सार्थक चर्चा और नियमों व परंपराओं का पालन कर सदन की गरिमा को बनाए रखने का आह्वान कियानायडू ने नए सदस्यों से कहा कि वह उन्हें मिले मौके का सदुपयोग करें और नियमित तौर पर सदन की बैठक में शामिल हों।