नई दिल्ली डेस्क/ महाराष्ट्र के अमरावती में एक दवा विक्रेता की हत्या के दोषियों के पश्चिम एशिया के खूंखार आतंकी समूह आईएसआईएस द्वारा की जा रही हिंसा से ‘‘स्वयं प्रेरित’’ होने की आशंका है और जांचकर्ता यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या उनके तार किसी आतंकवादी संगठन से जुड़े हैं। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
गौरतलब है कि पूर्वी महाराष्ट्र के अमरावती शहर में 21 जून की रात उमेश कोल्हे की मोटरसाइकिल पर आए दो लोगों ने गला काटकर हत्या कर दी थी। कथित तौर पर पैगंबर मोहम्मद के बारे में निलंबित भाजपा नेता नुपुर शर्मा की टिप्पणी का समर्थन करने वाली पोस्ट साझा करने की वजह से कोल्हे की हत्या की गई थी।
महाराष्ट्र में आरोपियों के आवास पर तलाशी के दौरान घृणा संदेश फैलाने वाले पर्चे, चाकू, मोबाइल फोन, सिम कार्ड, मेमोरी कार्ड और अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए गए। एक अधिकारी ने बताया कि जिस तरीके से कोल्हे की हत्या की गयी, उससे प्रथम दृष्टया ऐसे संकेत मिलते हैं कि हत्यारे इस्लामिक स्टेट को देखते हुए ‘‘खुद प्रेरित’’ हुए होंगे।
जांचकर्ता यह भी पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या उनके संबंध इस्लामिक स्टेट समेत किसी विदेशी आतंकवादी संगठन से हैं। राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने कोल्हे की हत्या के सिलसिले में बुधवार को महाराष्ट्र में कई स्थानों पर छापेमारी की। एजेंसी ने प्राथमिकी में इसे ‘‘लोगों के एक वर्ग को आतंकित करने के लिए आतंकवाद का एक कृत्य’’ बताया है।
एनआई के दो जुलाई को मामले की जांच अपने हाथ में लेने से पहले महाराष्ट्र पुलिस ने सात लोगों को गिरफ्तार किया था। उल्लेखनीय है कि पूर्व में भी ‘‘स्वयं प्रेरित’’ समूहों द्वारा आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने की घटनाएं देखी गयी है। श्रीलंका में 21 अप्रैल 2019 को ईस्टर संडे पर कई धमाके करने वाले आतंकवादी भी एक ‘स्वयं प्रेरित’ समूह के सदस्य थे।
अमरावती में दवा विक्रेता की हत्या ऐसे वक्त में हुई जब एक सप्ताह पहले 28 जून को राजस्थान के उदयपुर में दर्जी कन्हैया लाल की भी गला काटकर हत्या कर दी गयी थी। उदयपुर हत्याकांड की जांच भी एनआईए कर रही है। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि जांचकर्ताओं को हालांकि अभी तक दोनों घटनाओं के बीच किसी तरह का संबंध होने का पता नहीं चला है।