नई दिल्ली डेस्क/ कांग्रेस ने शुक्रवार को कहा कि अमेरिकी वित्तीय शोध कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च की ओर से अडाणी समूह पर लगाए गए आरोपों की जांच भारतीय रिजर्व बैंक और सेबी को करनी चाहिए, क्योंकि भारत की वित्तीय प्रणाली की स्थिरता और सुरक्षा इन संस्थानों की जिम्मेदारी है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह दावा भी किया कि इस कारोबारी समूह और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बीच नजदीकी रिश्ते हैं और इस समूह को इसका फायदा हुआ है।
उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘सामान्य परिस्थितियों में एक राजनीतिक दल को किसी निजी कंपनी अथवा व्यापारिक समूह पर हेज फंड द्वारा तैयार की गई किसी शोध रिपोर्ट पर अपनी प्रतिक्रिया नहीं देनी चाहिए, परंतु हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा अडानी समूह के संबंध में किए गए फॉरेंसिक विश्लेषण पर कांग्रेस पार्टी द्वारा अपनी प्रतिक्रिया देना बनता है। ऐसा इसलिए क्योंकि अडाणी समूह के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ सर्वविदित रिश्ते तब से हैं, जब वह गुजरात के मुख्यमंत्री हुआ करते थे।’’
रमेश का कहना है, ‘‘इसके अतिरिक्त वित्तीय प्रणाली का स्तंभ माने जाने वाले भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) और भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) जैसे वित्तीय संस्थानों के अडाणी समूह के साथ उच्चतम स्तर के जोखिमपूर्ण लेन-देन का वित्तीय स्थिरता और करोड़ों भारतीयों की बचत राशि पर दुष्प्रभाव पड़ सकता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यहां पर यह बात भी उल्लेखनीय रूप से ध्यान देने योग्य है कि पूर्व में प्रस्तुत रिपोर्ट में भी अडाणी समूह को ‘क्षमता से अधिक ऋण उठाने वाले समूह’ के रूप में दर्शाया गया है। इन सभी आरोपों की भारतीय रिजर्व, बैंक सेबी जैसी भारतीय वित्तीय प्रणाली की स्थिरता और सुरक्षा के लिए जिम्मेदार संस्थाओं द्वारा गहन जांच किए जाने की आवश्यकता है।’’