नई दिल्ली डेस्क/ देश में एक दिन में कोविड-19 के 13,313 नए मामले सामने आने के बाद कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 4,33,44,958 हो गई। वहीं, उपचाराधीन मरीजों की संख्या बढ़कर 83,990 पर पहुंच गई।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से बृहस्पतिवार को सुबह आठ बजे जारी अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, भारत में संक्रमण से 38 और लोगों की मौत के बाद मृतकों की संख्या बढ़कर 5,24,941 हो गई। देश में कोविड-19 के उपचाराधीन मरीजों की संख्या बढ़कर 83,990 हो गई है, जो कुल मामलों का 0.19 प्रतिशत है। पिछले 24 घंटे में उपचाराधीन मरीजों की संख्या में 2,303 की बढ़ोतरी हुई है।
अद्यतन आंकड़ों के मुताबिक, मरीजों के ठीक होने की राष्ट्रीय दर 98.60 प्रतिशत है। दैनिक संक्रमण दर 2.03 प्रतिशत, जबकि साप्ताहिक संक्रमण दर 2.81 प्रतिशत है। देश में अभी तक कुल 4,27,36,027 लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैं और कोविड-19 से मृत्यु दर 1.21 प्रतिशत है। वहीं, राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत अभी तक कोविड-19 रोधी टीकों की 196.62 करोड़ से अधिक खुराकें दी जा चुकी हैं।
गौरतलब है कि देश में सात अगस्त 2020 को संक्रमितों की संख्या 20 लाख, 23 अगस्त 2020 को 30 लाख और पांच सितंबर 2020 को 40 लाख से अधिक हो गई थी। संक्रमण के कुल मामले 16 सितंबर 2020 को 50 लाख, 28 सितंबर 2020 को 60 लाख, 11 अक्टूबर 2020 को 70 लाख, 29 अक्टूबर 2020 को 80 लाख और 20 नवंबर को 90 लाख के पार चले गए थे।
देश में 19 दिसंबर 2020 को ये मामले एक करोड़ से अधिक हो गए थे। पिछले साल चार मई को संक्रमितों की संख्या दो करोड़ और 23 जून 2021 को तीन करोड़ के पार पहुंच गई थी। इस साल 26 जनवरी को मामले चार करोड़ के पार हो गए थे।
मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, देश में पिछले 24 घंटे में संक्रमण से मौत के 38 मामले सामने आए, जिनमें से केरल में 20, उत्तर प्रदेश में चार, दिल्ली तथा महाराष्ट्र में तीन-तीन, पंजाब तथा पश्चिम बंगाल में दो-दो और हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर तथा मिजोरम में एक-एक मामला सामने आया। देश में अभी तक संक्रमण से कुल 5,24,941 लोगों की मौत हुई है, जिनमें से महाराष्ट्र के 1,47,892, केरल के 69,917, कर्नाटक के 40,113, तमिलनाडु के 38,026, दिल्ली के 26,242, उत्तर प्रदेश के 23,532 और पश्चिम बंगाल के 21,212 लोग थे।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि अब तक जिन लोगों की कोरोना वायरस के संक्रमण से मौत हुई है, उनमें से 70 प्रतिशत से अधिक मरीजों को अन्य गंभीर बीमारियां भी थीं। मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर बताया कि उसके आंकड़ों का भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के आंकड़ों के साथ मिलान किया जा रहा है।