लखनऊ डेस्क/ उत्तर प्रदेश की लखनऊ पुलिस ने पूर्व ब्लॉक प्रमुख और हिस्ट्रीशीटर अजीत सिंह हत्याकांड के मुख्य आरोपी गिरधारी विश्वकर्मा को सोमवार को मुठभेड़ में मार गिराया। वह असलहा छीनकर भागने की कोशिश कर रहा था जिसके चलते पुलिस को उस पर गोली चलानी पड़ी।
संयुक्त पुलिस कमिश्नर नीलाब्जा चौधरी ने बताया कि सोमवार तड़के पुलिस गिरधारी उर्फ डॉक्टर को लेकर अजीत सिंह हत्या में प्रयुक्त असलहा बरामदगी के लिए सहारा हॉस्पिटल के पीछे खरगापुर क्रॉसिंग के पास लेकर पहुंची। जैसे ही गाड़ी रुकी और लोग सीट से उतरे, तभी आरोपी गिरधारी ने इंस्पेक्टर उस्मानी की नाक पर अपने सिर से हमला कर दिया। इससे अख्तर उस्मानी गिर गए और गिरधारी उनकी पिस्टल लेकर भागने लगा, जिसका पीछा पुलिस द्वारा किया गया। इस पर गिरधारी उनके ऊपर फायर करता हुआ झाड़ियों में भाग गया। इसकी सूचना ब्रैवो कंट्रोल रूम व 112 पर दी गई, जिसके बाद पुलिस उपायुक्त वहां आ पहुंचे। इसके बाद पुलिस वालों ने झाड़ियों को चारों तरफ से घेर लिया और गिरधारी को आत्मसमर्पण को कहा गया। हालांकि उसने एक न सुनी और छीनी हुई पिस्टल से बार-बार फायर करता रहा। जवाबी कार्रवाई में उसे पुलिस की एक गोली लग गई और वह गिर गया। पास जाकर देखा गया तो उसकी सांसें चल रही थीं। तत्काल सरकारी गाड़ी द्वारा राम मनोहर लोहिया अस्पताल के इमरजेंसी में भेजा गया लेकिन वहां इलाज के दौरान गिरधारी की मृत्यु हो गई। इस दौरान अख्तर सईद उस्मानी, अनिल सिंह, चन्द्रशेखर चोटिल हुए हैं।
गिरधारी पुलिस रिमांड में था और पुलिस उससे पूछताछ कर रही थी और सोमवार को उसकी रिमांड खत्म होने वाली थी। 6 जनवरी को विभूतिखंड में ही अजीत सिंह की हत्या हुई थी। 11 जनवरी को दिल्ली पुलिस ने गिरधारी को गिरफ्तार किया था। उस वक्त उसके पास से अवैध असलहा बरामद हुआ था।
अजीत सिंह हत्याकांड के मुख्य शूटर गिरधारी उर्फ डॉक्टर से रिमांड के दूसरे दिन यानी 14 फरवरी को भी पूछताछ की गई थी। इस दौरान उसने वारदात में प्रयुक्त मोबाइल अलकनंदा अपार्टमेंट से अंकुर के किराए के फ्लैट से पुलिस को बरामद कराए। गिरधारी के मोबाइल में फरार शूटरों के मोबाइल नंबर भी मिले हैं। इसके आधार पर पुलिस उनके पुराने रिकॉर्ड खंगाल रही है। पुलिस ने मोबाइल को फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिया है।