लखनऊ डेस्क/ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंगलवार को उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के घर पहुंचे। कोई दूसरा राज्य होता तो किसी मुख्यमंत्री के उप मुख्यमंत्री के घर जाने पर शायद ही इतनी चर्चा होती। लेकिन उत्तर प्रदेश में ये मुलाक़ात सुर्खियों में है तो इसकी कई वजह हैं।
रिपोर्टों के मुताबिक पहली वजह ये है कि लखनऊ में पड़ोसी होने के बाद भी 2017 में प्रदेश सरकार के गठन के बाद से ये पहला मौका बताया जा रहा है, जब योगी आदित्यनाथ उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के घर पहुंचे हैं।
दूसरी वजह ये है कि हाल में केशव प्रसाद मौर्य का एक बयान चर्चा में रहा है। बीते दिनों बरेली में पत्रकारों से बात करते हुए मौर्य ने कहा था, “उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव किसके नेतृत्व में लड़े जाएंगे, इसका फ़ैसला बीजेपी का राष्ट्रीय नेतृत्व करेगा। ”
उत्तर प्रदेश की राजनीति पर नज़र रखने वाले कई विश्लेषकों ने इस बयान को मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री के बीच बढ़ती दूरी से जोड़कर देखा। साल 2017 के विधानसभा चुनाव में केशव प्रसाद मौर्य पार्टी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष थे और जीत में उनकी भूमिका प्रमुख मानी गई थी। केशव प्रसाद मौर्य के बाद उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने भी कहा था कि अगले मुख्यमंत्री का फ़ैसला चुनाव के बाद केंद्र से होगा।