भोपाल डेस्क/ मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में शराब दुकान पर पत्थरबाजी कर सनसनी मचा देने के बाद भाजपा की फायरब्रांड नेता और पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती एक बार फिर मोर्चा संभालने वाली हैं। अब उनका लक्ष्य रायसेन के किले में स्थित सोमेश्वर महादेव के मंदिर का ताला खोल शिवलिंग का जलाभिषेक करने का है, अभी तक यह मंदिर साल में सिर्फ महाशिवरात्रि के दिन 12 घंटे के लिए खोला जाता है। पिछले दिनों कथा वाचक पं प्रदीप मिश्रा ने सोमेश्वर महादेव मंदिर के बंद रहने पर सवाल उठाए थे, साथ ही कहा था कि जब शिव जी कैद हैं तो यह राज किस काम का। उसके बाद से यह मंदिर चर्चाओं में है।
पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने पिछले दिनों शराबबंदी की पैरवी करते हुए राजधानी में शराब दुकान पर पत्थर चलाया था, उसके बाद से राज्य के कई हिस्सों में शराब दुकानों के खिलाफ लोग सड़कों पर उतरे और राज्य की शिवराज की नेतृत्व वाली सरकार को ही कटघरे में खड़ा कर दिया। अब उमा भारती शिवजी के सहारे शिवराज सरकार की फिर मुसीबत बढ़ाने चलने वाली है।
उमा भारती मान्यता का हवाला देते हुए कहती है कि, मान्यता है कि नवरात्रि के बाद के पहले सोमवार को शिवजी का अभिषेक करना चाहिए। 11 अप्रैल को गंगोत्री से लाए हुए गंगाजल से रायसेन के सोमेश्वर धाम में गंगाजल चढ़ाऊंगी। राजा पूरणमल, उनकी पत्नी रत्नावली, दोनों बेटे व बेटी और सैनिकों का तर्पण करूंगी। अपनी अज्ञानता के लिए क्षमा मांगूंगी।
बताया जाता है कि रायसेन किले में सोमेश्वर धाम मंदिर का निर्माण 10वीं से 11वीं शताब्दी के बीच हुआ था। इसे परमारकालीन राजा उदयादित्य ने बनवाया था। उस दौर में राजघराने की महिलाएं मंदिर में पूजा-अर्चना करने आती थीं। इस मंदिर में भगवान शंकर के दो शिवलिंग स्थापित हैं।
यह मंदिर काफी लंबे अरसे से बंद था और 1974 तक मंदिर पर ताले लगे रहे। फिर उस दौरान एक बड़ा आंदोलन हुआ था। जिसके बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री और दिवंगत कांग्रेस नेता प्रकाशचंद सेठी ने खुद मंदिर के ताले खुलवाए थे। इस मंदिर के पट साल में एक बार महाशिवरात्रि पर 12 घंटे के लिए खोले जाते हैं। इस दिन यहां मेला भी लगता है।
पं प्रदीप मिश्रा की रायसेन में कथा चल रही है और इस कथा के दौरान ही उन्होंने मंदिर के पट साल में एक बार खोले जाने पर चिंता जताई थी और यहां तक कहा था कि शिवजी कैद में हैं, कष्ट में हैं, तो सरकार आजाद कराए। उमा भारती के पहले शराबबंदी के समर्थन में उठाई गई आवाज से सरकार की खूब किरकिरी हुई और अब वे एक मंदिर का ताला तोड़ने की दिशा में बढ़ रही हैं। ऐसे में सियासी हलचल तेज होने की संभावनाएं बढ़ गई हैं।