शाहजहांपुर डेस्क/ पूर्व केन्द्रीय मंत्री स्वामी चिन्मायानंद की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। पीड़ित छात्रा ने सोमवार को पत्रकारों से कहा कि चिन्मयानंद ने एक साल तक उसका शारीरिक शोषण किया है और इस मामले में पुलिस मुकदमा दर्ज नहीं कर रही है। पीड़िता ने आरोप लगाया, “जब मेरे पिता ने थाने में चिन्मयानंद के खिलाफ शिकायत दी तो जिलाधिकारी ने उन्हें फोन कर कहा कि आपको पता है किस पर केस दर्ज करवा रहे हैं।
एसआईटी ने मुझसे 11 घंटे पूछताछ की, लेकिन आरोपी से अबतक कोई पूछताछ क्यों नहीं की गई? पुलिस ने अब तक चिन्मयानंद के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज नहीं किया। मेरे परिवार की जान को खतरा है। मेरे पास चिन्मयानंद के खिलाफ यौन उत्पीड़न के सारे सबूत हैं, जिन्हें मैं कोर्ट में पेश करूंगी। स्वामी की धमकी के बाद मैं डरकर दिल्ली, फिर राजस्थान चली गई थी।” पीड़ित छात्रा के पिता ने बेटी की बातों का समर्थन करते हुए जिलाधिकारी को हटाने की मांग की है।
पीड़िता ने कहा, “यह रिपोर्ट दिल्ली के लोधी रोड थाने में जीरो क्राइम नंबर पर दर्ज कर शाहजहांपुर भेज दी गई है, मगर स्थानीय पुलिस दुष्कर्म और शारीरिक शोषण की रिपोर्ट दर्ज नहीं कर रही है।” स्वामी चिन्मयानंद के अधिवक्ता ओम सिंह की ओर से दर्ज कराए गए पांच करोड़ रुपये की रंगदारी मांगे जाने के मामले में छात्रा ने कहा कि “इसकी जांच होनी चाहिए। चिन्मयानंद ने जो आरोप लगाया है वह फर्जी है।”
गौरतलब है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वामी चिन्मयानंद के कॉलेज में पढ़ने वाली छात्रा ने 24 अगस्त को वीडियो वायरल कर स्वामी पर गंभीर आरोप लगाए थे। इसके बाद पीड़िता लापता हो गई थी। 27 अगस्त को उसके पिता ने स्वामी चिन्मयानंद पर अपहरण का मुकदमा दर्ज करा दिया। हालांकि 30 अगस्त को छात्रा राजस्थान के एक होटल में मिल गई। इस मामले का सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया था, और छात्रा को सुप्रीम कोर्ट में पेश किया गया था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ही मामले की जांच के लिए एसआइटी गठित की गई।
एसआइटी छात्रा के आरोपों के साथ ही चिन्मयानंद के अधिवक्ता ओम सिंह द्वारा दर्ज कराए गए मामले की भी जांच करनी है, जिसमें स्वामी से पांच करोड़ रुपये की रंगदारी मांगने का पीड़िता पर आरोप लगाया गया है। एसआईटी टीम ने शनिवार को चिन्मयानंद के आश्रम, शयनकक्ष से लेकर परिसर में बने एसएस लॉ कॉलेज और छात्रावास में पहुंचकर कॉलेज स्टाफ, कर्मचारियों और छात्र-छात्राओं से घटना बारे में पूछताछ की थी।