लखनऊ डेस्क/ उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले में 92 सरकारी शिक्षकों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। इन लोगों ने कथित तौर पर नौकरी पाने के लिए जाली शैक्षणिक दस्तावेज का इस्तेमाल किया था।
बलरामपुर के कोतवाली पुलिस स्टेशन में इन शिक्षकों के खिलाफ बेईमानी और जाली दस्तावेजों का उपयोग करके धोखाधड़ी करने के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई है। उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (यूपीएसटीएफ) द्वारा जांच के दौरान इस धोखाधड़ी का पता चला था।
सर्कल अधिकारी वरुण मिश्रा ने कहा कि एफआईआर बेसिक शिक्षा अधिकारी रामचंद्र की एक शिकायत के आधार पर दर्ज की गई थी और ये शिक्षक जिले में 2010 से काम कर रहे हैं। मिश्रा ने कहा, “उन्होंने उन अभ्यर्थियों की मार्कशीट का उपयोग किया, जो योग्य थे और अन्य जिलों में काम कर रहे थे।”
बता दें कि पिछले साल यूपीएसटीएफ ने अनामिका शुक्ला को गिरफ्तार किया था, जिसका नाम 25 स्कूलों में शिक्षिका के तौर पर दर्ज था और उसने 10 महीनों में 1 करोड़ रुपये वेतन लिया था। जांच में पता चला कि जिस अनामिका शुक्ला के दस्तावेजों का 25 जगह इस्तेमाल किया गया था, असलियत में वो बेरोजगार थी।