चंडीगढ़ डेस्क/ पंजाब के एक कस्बे में किसानों की ओर से एक घर में परिवार के साथ बंधक बनाए गए भाजपा नेताओं को पुलिस ने 12 घंटे से ज्यादा की कड़ी मशक्कत और उच्च न्यायालय के हस्तक्षेप से सोमवार तड़के सुरक्षित छुड़ा लिया गया।
बंधक से छुड़ो गए सभी भाजपा नेताओं ने केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए तीन कृषि कानूनों का विरोध करने के बहाने किसानों पर गैरकानूनी काम करने का आरोप लगाया। उन्होंने राज्य कांग्रेस सरकार पर किसानों की मदद करने का आरोप लगाया।
यह घटना राज्य की राजधानी से करीब 40 किलोमीटर दूर राजपुरा कस्बे में हुई, जहां रविवार शाम राज्य महासचिव भूपेश अग्रवाल को एक घर में अन्य लोगों के साथ बंधक बना लिया गया।
अग्रवाल ने मीडिया को बताया कि वह एक दिन पहले शहर में भारत विकास परिषद भवन में जिला स्तरीय पार्टी की बैठक के लिए इकट्ठे हुए थे। किसानों ने बैठक स्थल पर पहुंचकर हंगामा किया।
बाद में उन्होंने एक घर में बैठक करने का फैसला किया और वे वहीं इकट्ठे हो गए। किसानों ने वहां पहुंचकर पानी और बिजली आपूर्ति बाधित कर उन्हें बंधक बना लिया।
सोशल मीडिया पर एक वीडियो में, प्रदर्शनकारियों को स्थानीय पार्षद शांति स्वरूप का पीछा करते हुए और यहां तक कि उनके कपड़े फाड़ते हुए देखा जा सकता है, जबकि उन्हें पुलिसकर्मी ले जा रहे थे। यह घटना रविवार को हुई।
हालांकि पुलिस ने उन पर हमला होने से इनकार किया है। उप महानिरीक्षक विक्रमजीत दुग्गल के नेतृत्व में एक पुलिस दल बंधक नेताओं को बचाने और सुरक्षित निकालने के लिए मौके पर थे। रात भर स्थिति तनावपूर्ण बनी रही।
जब बंधक बनाए हुए नेताओं को पुलिस ने बचाया तो उन्होंने दावा किया कि किसानों ने उनका पीछा किया, दुर्व्यवहार किया और उन्हें पीटा। साथ ही उनके वाहनों पर पथराव भी किया गया।