मेरठ डेस्क/ दिवाली से एक दिन पहले उत्तर प्रदेश के मेरठ में जिस बच्ची की मुंह में ‘सुतली बम’ यानी पटाखा फोड़ा गया था, उसकी हालत अब पहले से थोड़ी बेहतर है। हालाँकि, मेरठ जिले के सरधना थाना क्षेत्र के गांव मिलक में तीन साल की मासूम बच्ची के मुंह में कथित रूप से पटाखा रखकर फोड़ने की घटना को पुलिस ने संदिग्ध बताया है। लेकिन हैरानी की बात है कि इस हृदयविदारक घटना के चार दिन बाद भी आरोपी पुलिस की गिरफ्त में नहीं आ सका है। गौरतलब हो कि बच्ची के पिता शशिपाल का आरोप है कि आरोपी हरपाल ने चॉकलेट के बहाने उनकी बेटी आयुषी के मुंह में पटाखा रखकर जला दिया था, जिससे वह बुरी तरह घायल हो गई।
थाना प्रभारी प्रशांत कपिल ने बताया कि आरोपी हरपाल के छिपने के स्थानों पर दबिश डाली जा रही है। उन्होंने दावा किया कि जल्द ही आरोपी गिरफ्तार कर लिया जाएगा। हालांकि, कपिल ने प्रारंभिक छानबीन के आधार पर इस बात से इनकार किया कि आरोपी ने बच्ची के मुंह में पटाखा रखकर फोड़ा था। उन्होंने कहा कि असल में आरोपी बच्ची के घर पास पटाखे छोड़ रहा था। घर के बाहर खेल रही बच्ची ने उनमें से ही कोई अधजला पटाखा उठा लिया और फूंक मारकर फोड़ने का प्रयास करने लगी। अचानक पटाखा फूट गया और बच्ची घायल हो गई।
थाना प्रभारी के अनुसार घटना के संबंध में पुलिस ने बच्ची के पिता मिलक गांव निवासी शशिपाल की तहरीर के आधार पर हरपाल के खिलाफ भादंसं की धारा 307 (हत्या की कोशिश) के तहत मामला दर्ज कर लिया था। उन्होंने बताया कि बच्ची फिलहाल सरधना के ही अस्पताल में भर्ती हैं, जहां उसकी हालत अब पहले से बेहतर है।
पुलिस में दर्ज तहरीर के अनुसार शशिपाल की बेटी आयुषी (3) छोटी दीपावली की शाम घर के आंगन में खेल रही थी। उसी समय गांव का हरपाल उनके घर में घुस आया। उसने चॅकलेट के बहाने आयुषी के मुंह में पटाखा रखकर जला दिया। पटाखा फटने से आयुषी गंभीर रूप से जख्मी हो गई और उसका पूरा चेहरा लहूलुहान हो गया। घटना के बाद आरोपी हरपाल वहां से फरार हो गया. परिजन आयुषी को लेकर अस्पताल पहुंचे जहां उसकी स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। शशिपाल ने बताया कि बच्ची के उपचार में व्यस्त होने के कारण वह उस दिन थाने में तहरीर नहीं दे पाए।