लखनऊ डेस्क/ उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने महिलाओं और बच्चों की तस्करी के खिलाफ बड़ा कदम उठाया है। उत्तर प्रदेश के हर जिले में अब मानव तस्करी रोधी (एंटी-ह्यूमन ट्रैफिकिंग) थाना बनाया जाएगा। इन थानों को राज्य सरकार कई अहम अधिकार सौंपने जा रही है। ये थाने सीधे एफआईआर दर्ज कर सकेंगे और खुद विवेचना करेंगे।
सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि योगी सरकार ने महिलाओं और बच्चों की तस्करी, बालश्रम और देह व्यापार पर रोक लगाने के लिए शिकंजा कस दिया है। प्रदेश में 40 नए एंटी-ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिटों का गठन किया जाएगा। ये यूनिट जनपदों में थाने के रूप में काम करेंगी और खुद अपराधिक मामलों की एफआईआर दर्ज कर उसकी विवेचना करेंगी।
साल 2016 में प्रदेश के 23 जिलों में मानव तस्करी की रोकथाम के लिए एंटी-ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिटों को थाने का दर्जा दे दिया गया था। इनमें मुजफ्फरनगर, कुशीनगर, बाराबंकी, खीरी, बहराइच, बलरामपुर, बदायूं, सिद्धार्थनगर, उन्नाव, हरदोई, श्रावस्ती, मऊ, कानपुर नगर, गोरखपुर, बिजनौर, जौनपुर, आजमगढ़, फिरोजाबाद, पीलीभीत, सीतापुर, बलिया, बागपत नगर एवं शाहजहांपुर को शामिल किया गया था।
योगी सरकार ने प्रदेश में एंटी ट्रैफिकिंग यूनिट को थाने के रूप में अस्तित्व प्रदान किया। एंटी-ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट पर मानव तस्करी से जुड़े क्राइम की एफआईआर, उनकी विवेचना और आगे की कार्रवाई की जाएगी। इसका कार्यक्षेत्र पूरा जिला होगा।
अभी तक एंटी ट्रैफिकिंग यूनिट किसी भी कार्रवाई के लिए कैंट थाने में ही एफआईआर दर्ज कराती था। मुकदमा दर्ज होने के बाद थाना की पुलिस विवेचना करती थी, हालांकि अब कुछ मामलों को एंटी-ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट में ट्रांसफर किया जाने लगा था, लेकिन अब स्वयं एंटी-ह्यूमन ट्रैफिकिंग थाने के रूप में सारे निर्णय ले सकेगा।
मानव तस्करी रोकने के लिए अब हर जिले में एक एंटी-ह्यूमन ट्रैफिकिंग इकाई का थाना होगा। शासन ने 40 नए जिलों में इन थानों की स्थापना के लिए स्वीकृति दी है। 20 अक्टूबर को इस संबंध में अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी की ओर से शासनादेश भी जारी कर दिया गया।
प्रवक्ता के अनुसार, प्रदेश में पहले कुल 35 जिलों में एंटी-ह्यूमन ट्रैफिकिंग इकाई के थाने थे। यह थाने 2011 और 2016 में स्थापित हुए थे। नए थाने केंद्र सरकार के विमन सेफ्टी डिवीजन के निर्देश के बाद स्थापित किए जा रहे हैं। केंद्र सरकार द्वारा इसके लिए धन भी आवंटित कर दिया गया है। केंद्र सरकार ने पहले से स्थापित 35 थानों को 12 लाख रुपये की दर से 4 करोड़ 20 लाख रुपये और 40 नए थानों के लिए 15 लाख रुपये की दर से छह करोड़ रुपये उत्तर प्रदेश सरकार को दिए हैं।