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राजधानी लखनऊ में बैंड बजाकर बकाये वसूल रहा है लखनऊ नगर-निगम

राजधानी लखनऊ में बैंड बजाकर बकाये वसूल रहा है लखनऊ नगर-निगम

लखनऊ डेस्क/ उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के नगर-निगम ने हाउस टैक्स न जमा करने वाले बड़े बकायेदारों से वसूली का एक नायाब तरीका ढूढ़ निकाला है। निगम बाकायदा बैंड बजाकर बकायेदारों से वसूली कर रहा है। लखनऊ नगर निगम की आयुक्त डॉ. इन्द्रमणि त्रिपाठी ने बताया, “लखनऊ में बड़े प्रतिष्ठानों और घरों पर लगभग 800 करोड़ रुपये का बकाया है। बार-बार नोटिस भेजने के बावजूद बकायेदारों के कानों पर जू नहीं रेंग रही थी। हम लोग परेशान हो गए थे।”

उन्होंने बताया, “हमने पुणे नगर निगम की तर्ज पर वसूली की यह तरकीब यहां लागू की है। एक एक्सपोजर भ्रमण के दौरान हमें वहां यह नई चीज देखने को मिली, जिसे हमने लखनऊ में लागू कर दिया। इसमें हमें सफलता भी मिली है। तीन दिनों में लगभग 21 लाख रुपये का बकाया वसूल हो चुका है।” नगर निगम का यह अभियान सोमवार से शुरू है और नगरायुक्त के अनुसार, बकाये की पूरी राशि वसूल होने तक जारी रहेगा। वसूली के लिए हालांकि आमतौर पर डुगडुगी पीटने की परंपरा रही है। लेकिन लखनऊ नगर निगम बैंड बजा रहा है।

इस बारे में नगरायुक्त ने बताया, “दरअसल, डुगडुगी बजवाने से भी लोग सुन नहीं रहे थे। पैसा न देने का जुगाड़ ढूंढ़ने लग गए थे। इस कारण हमने बैण्ड का सिस्टम लागू किया है। आगे चलकर यह पूरे ब्रास बैण्ड में तब्दील हो जाएगा। इसकी बाकायदा ड्रेस भी होगी। यह बैण्ड हमने एक नगर निगम के सफाई कर्मचारी से लिया है। इसके एवज में हम उन्हें 1100 रुपये प्रति माह दे रहे हैं। आगे आने वाले दिनों में बड़े बकायेदारों के यहां पूरा ब्रास बैण्ड जाएगा और उनसे वसूली करके लाएगा। जो लोग बैण्ड बजाने के बावजूद पैसे नहीं देंगे। उनके यहां बैण्ड लगातार बजाया जाएगा।”

डा़ॅ इन्द्रमणि ने बताया, “बड़े होटलों के सामने खड़ा होकर जब पूरा बैण्ड बजेगा और लाउण्डस्पीकर में बकायेदारी की आवाज आएगी तो उनके ग्राहक बाहर आकर देखने लगते हैं। ग्राहकों के सामने बेइज्जती होने पर वह हमारा पैसा दे देगा। वे दे भी रहे हैं।” नगरायुक्त के अनुसार, यह तरकीब इतनी कारगर हुई है कि अब कई लोग दौड़-दौड़ कर नगर निगम पहुंच कर बैंड न बजाने की सिफारिश कर रहे हैं, और बकाया चुकता करने का वादा कर रहे हैं।

कर अधीक्षक राजेश सिंह ने बताया, “अभियान के बाद व्यापारियों ने बदनामी के डर से बकाया हाउस टैक्स जमा करने के लिए फोन किया। उन सभी ने जमा भी किया है। यह क्रम लगातार चलता रहेगा। इसमें बड़े बकायेदार कम से कम शर्म के कारण ही पैसे दे जाएंगे।” जोनल अधिकारी नरेन्द्र ने बताया, “एकमुश्त समाधान योजना (ओटीएस) में भी होटल मालिकों ने अपना बकाया नहीं जमा किया था। इसमें नगर निगम ने अच्छी खासी छूट दी थी। बार-बार गुजारिश के बाद भी ये लोग अपने बकाये की ओर नहीं चेत रहे थे। तब मजबूरन हमें यह कदम उठाना पड़ा है।”

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