लखनऊ डेस्क/ उत्तर प्रदेश की राजधानी स्थित लखनऊ विश्वविद्यालय में सरकार द्वारा मिले बजट का आकलन भारत के नियंत्रक एवं महा लेखापरीक्षक (कैग) करेगा। इसमें विद्यार्थियों की संख्या, छात्रों का परिणाम, विद्यार्थियों का प्रदर्शन इन सबका राष्ट्रीय स्तर पर मूल्यांकन होगा। पायलट प्रोजेक्ट के तहत कैग ने 10 विश्वविद्यालयों को चुना है। उसमें लखनऊ विश्वविद्यालय को भी चुना गया है। हालांकि यह 9 और कौन-कौन विश्वविद्यालय इसका पता बाद में ही चलेगा।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो़ एसपी सिंह ने कहा, ‘हमारे लिए यह गर्व की बात है कि हमारा चयन देश के 10 शैक्षणिक संस्थानों में एकेडमिक आउटकम आंकने के लिए हुआ है। उन्हें भी पता चले कि हम कितने कम संसाधनों में बेहतर प्रयास कर रहे हैं। इस ऑडिट के कारण हम अपनी बात केंद्रीय स्तर पर आसानी से रख पाएंगे।’
कुलपति ने विवि के वित्त नियंत्रक व अन्य अधिकारियों के साथ इसकी तैयारी शुरू कर दी है। सरकार की तरफ से मिले बजट का विवरण भी तैयार किया जा रहा है। इसके आलावा पाठ्यक्रम, उपलब्धियां और कॉलेजों की संख्या का लेखा-जोखा तैयार किया जा रहा है।कैग आमतौर से संस्थानों का वित्तीय लेखा परीक्षण (ऑडिट) करता है। इसके अलावा सरकारी खर्च से स्थापित संस्थानों का प्रदर्शन भी आंकता है।