नई दिल्ली डेस्क/ केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर विपक्ष पर झूठ फैलाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को लेकर एक गलत नैरेटिव गढ़ा जा रहा है। इस पर महामारी के बहुत पहले फैसला ले लिया गया था। संसद का नया भवन बनाना इसलिए जरूरी है क्योंकि जगह की कमी है।
पुराना भवन सेस्मिक जोन 2 में आता था, अगर तेज भूंकप आए तो अब ये भवन सेस्मिक जोन 4 में है। केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सोमवार को प्रेस कांफ्रेंस करते हुए कहा कि सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के दौरान किसी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक भवन से कोई छेड़छाड़ नहीं होगी। उन्होंने कहा, “राष्ट्रपति भवन, नार्थ ब्लॉक, साउथ ब्लॉक, पार्लियामेंट या अन्य जो कल्चरल या हेरिटेज इमारतें हैं उन्हें नहीं छुआ जाएगा।”
केंद्रीय शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इन परियोजनाओं पर हजारों करोड़ खर्च होने की बातों को खारिज किया। उन्होंने कहा, “संसद भवन और सेंट्रल विस्टा एवेन्यू- इन दो परियोजनाओं पर ही प्राथमिकता से कार्य किया जा रहा है। कुल खर्चा 1300 करोड़ रुपये के आसपास है।”
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी के मुताबिक, ” कहा जा रहा है 20,000 करोड़ रुपये महामारी के दौरान खर्च कर रहे हैं ये वैक्सीनेशन कार्यक्रम में लगाईये। केंद्र ने वैक्सीनेशन के लिए 35,000 करोड़ आवंटित किया है। वैक्सीनेशन के लिए पैसे की कमी नहीं है, पर्याप्त पैसा है। “
हरदीप सिंह पुरी ने बताया कि जब 2012 में मीरा कुमार लोकसभा अध्यक्ष थीं तो उनके एक ओएसडी ने आवास मंत्रालय के सचिव को एक पत्र लिखकर एक नई संसद भवन के निर्माण के निर्णय को लेकर सूचित किया था। हरदीप सिंह पुरी ने कहा, “आजादी के समय हमारी जनसंख्या 350 मिलियन के करीब थी। संसद भवन में हमें जगह की जरुरत होती है ताकि संसद सदस्य बैठ सकें। राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे तब से यह मांग की जा रही है।”