लखनऊ डेस्क/ पूर्व केंद्रीय मंत्री चिन्मयानंद पर यौन शोषण का आरोप लगाने वाली शाहजहांपुर की कानून की छात्रा के पिता ने कहा है कि उनकी बेटी ने भाजपा नेता के खिलाफ सभी सबूत अलग-अलग स्थानों पर सुरक्षित रखे हुए हैं और जांच शुरू होने के बाद वे सबूत एसआईटी को सौंप दिए जाएंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने चिन्मयानंद के खिलाफ यौन शोषण और अपहरण के मामले जांच एसआईटी को सौंपी है। उत्तर प्रदेश सरकार ने मंगलवार शाम पुलिस महानिरीक्षक (लोक शिकायत) नवीन अरोड़ा की अगुआई में एसआईटी गठित की थी। एसआईटी में उनके साथ गाजियाबाद के 41वीं पीएसी बटालियन की कमांडेंट आईपीएस अधिकारी भारती सिंह होंगी।
चिन्मयानंद के खिलाफ जांच के लिए अरोड़ा को अपनी टीम में अन्य साथी चुनने की स्वतंत्रता होगी। इस बीच चिन्मयानंद के वकील ओम सिंह ने कहा कि उनके क्लाइंट निर्दोष हैं और उन्हें फंसाया गया है। उन्होंने कहा, “ये आरोप कोर्ट में टिक नहीं पाएंगे।”शाहजहांपुर पुलिस अभी भी कह रही है कि उसे हरिद्वार और देहरादून में चिन्मयानंद के किसी भी आश्रम में वे नहीं मिले हैं।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर कानून की छात्रा 12 सितंबर तक दिल्ली में रुकेगी, वहीं उसके परिजन बुधवार को कोर्ट में पेश होने के बाद दिल्ली पुलिस की अभिरक्षा में लौट सकते हैं। पीड़िता ने 24 अगस्त को फेसबुक पर एक वीडियो पोस्ट किया था, जिसमें उसने पूर्व केंद्रीय मंत्री चिन्मयानंद पर कई लड़कियों का यौन शोषण करने का आरोप लगाया था और बताया था कि उसके पास उसके आरोपों के पूरे सबूत हैं, जिसके बाद वह लापता हो गई थी।