लखनऊ डेस्क/ उत्तर प्रदेश की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने खाद्य एवं रसद विभाग की राशन वितरण प्रणाली में सेंध लगाकर करोड़ों रुपये का घोटाला किए जाने का पदार्फाश करते हुए तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। राजधानी लखनऊ के थाना-वजीरगंज क्षेत्रांतर्गत क्रिश्चियन कालेज चौराहे से रविवार को पकड़े गए तीनों लोग कोटेदार, कम्प्यूटर ऑपरेटर और तीसरा कम्प्यूटर का अच्छा जानकार हैं। यह लोग आधार कार्ड के नंबर में बदलाव कर और डेटाबेस में छेड़छाड़ कर ई-पास मशीन से हजारों कुंतल गेहूं-चावल की खरीद-फरोख्त दिखा कर करोड़ों का गबन कर रहे थे।
यूपी एसटीएफ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अभिषेक सिंह ने बताया कि पकड़े गए तीनों की पहचान कोटेदार मो. आमिर खान और उसके भाई कम्प्यूटर आपरेटर मो. अल्तमश निवासीगण बावर्ची टोला, थाना-वजीरगंज लखनऊ और पुष्पेंद्र पाल निवासी थाना-कुर्रा जनपद मैनपुरी हालपता दादरी नोएडा के रूप में हुई। तीनों को लखनऊ के क्रिश्चियन कॉलेज चौराहे से गिरफ्तार किया गया। इन लोगों के पास से डेस्कटॉप कम्प्यूटर, सीपीयू और 02 ई-पास मशीन बरामद हुई।
एसटीएफ के आईजी अमिताभ यश ने बताया कि अनाज वितरण में पारदर्शिता के लिए बनाए गए ऑनलाइन सिस्टम का प्रयोग किया जाता है। लेकिन काफी समय से कुछ दुकानदारों, आपरेटरों, पूर्ति निरीक्षकों द्वारा सांठगांठ वास्तविक लाभार्थी के स्थान पर उनकी आधार संख्या में अनाधिकृत रूप से अदला-बदली व छेड़छाड़ कर कर बार-बार प्रयोग कर आधार कार्ड नंबर में करोड़ों रुपये का गबन किए जाने की शिकायत मिल रही थी।
खाद्य एवं रसद आयुक्त ने डीपीजी से शिकायत की थी। इस मामले में मुकदमा दर्ज कर डीजीपी ओपी सिंह के निर्देश पर एसटीएफ को इसकी जांच में लगाया। जांच के लिए खाद्य आयुक्त कार्यालय ने एसटीएफ को उन ट्रांजेक्शन का ब्यौरा मुहैया कराया, जिसमें राशन लेने के लिए एक ही आधार संख्या का इस्तेमाल एक महीने में कई बार किया गया था। इसके बाद ही जांच में यह पूरा गोरखधंधा सामने आ गया।
आईजी ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ थाना-साइबर एसटीएफ में आईपीसी की धारा 420, 467,468, 34 तथा 66 आईटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच की जा रही है। माना जा रहा है कि इस जांच में कई बड़े लोगों की गिरफ्तारी होगी।