नई दिल्ली डेस्क/ राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय अधिकरण (एनसीएलएटी) ने कर्ज के बोझ से दबी एस्सार स्टील के एक व्यवसायिक ऋणदाता की 800 करोड़ रुपये बकाया वसूली की अपील खारिज कर दी।
न्यायमूर्ति एस. जे. मुखोपाध्याय की अध्यक्षता वाली एनसीएलएटी की दो सदस्यीय पीठ ने कंपनी के व्यवसायिक ऋणदाता कमलजीत सिंह की याचिका को सुनने से मना कर दिया। सिंह ने एनसीएलएटी से राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) की अहमदाबाद शाखा के, आर्सेलर मित्तल की समाधान योजना पर कोई अंतिम निर्णय लेने से पहले उनकी याचिका सुने जाने का निर्देश देने की अपील की थी।
व्यवसायिक ऋणदाता, ऐसा ऋणदाता होता है जो कंपनी को उसके रोजमर्रा के परिचालन के लिए कर्ज उपलब्ध कराता है। सिंह का दावा है कि कंपनी (एस्सार स्टील) पर उसका 800 करोड़ रुपया बकाया है जिसकी वह वापसी चाहता है। मंगलवार को एनसीएलटी ने एस्सार स्टील के शेयरधारकों द्वारा रखे गए ऋण भुगतान प्रस्ताव को खारिज कर दिया। एनसीएलटी ने कहा कि यह दिवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता की धारा 12-ए का उल्लंघन करता है।
एनसीएलटी ने कहा कि एस्सार स्टील एशिया होल्डिंग द्वारा लगाई गई 54,389 करोड़ रुपये की बोली, आर्सेलर मित्तल की 42,000 करोड़ रुपये की बोली से बहुत ऊंची है लेकिन इस पर विचार नहीं किया जा सकता क्योंकि इस तरह का कोई भी प्रस्ताव धारा 12-ए के तहत किया जाना चाहिए।