इंदौर डेस्क/ मध्य प्रदेश के इंदौर में जर्जर मकान को तोड़ने गए नगर निगम के अमले की क्रिकेट के बल्ले से पिटाई करने वाले भाजपा विधायक आकाश विजयवर्गीय को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। आकाश भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के पुत्र हैं। विजयवर्गीय के खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा, मारपीट और बलवा करने के लिए धारा 353, 294, 506, 147, 148 के तहत प्रकरण दर्ज किया गया और उन्हें गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, आकाश को देर शाम भारी सुरक्षा बंदोबस्त के बीच प्रथम श्रेणी विशेष न्यायाधीश गौरव गर्ग की अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें सात जुलाई तक के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। पुलिस ने बताया कि इस मामले में विजयवर्गीय के अलावा 10 अन्य लोगों को भी आरोपी बनाया गया है। विजयवर्गीय की गिरफ्तारी के खिलाफ भाजपा के कार्यकर्ता प्रदर्शन कर रहे हैं।
जिला लोक अभियोजन अधिकारी अकरम शेख ने संवाददाताओं को बताया, “अदालत ने जमानत याचिका खारिज करने के बाद भाजपा विधायक को सात जुलाई तक न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। अभियोजन पक्ष ने जमानत याचिका पर आपत्ति जताते हुए कहा कि नगर निगम के एक भवन निरीक्षक से सरेआम मारपीट कर शासकीय कार्य में बाधा डालने वाले आरोपी को जमानत का लाभ कतई नहीं दिया जाना चाहिए।”
आकाश के अधिवक्ता पुष्प मित्र भार्गव ने संवाददाताओं से कहा, “आकाश की जमानत अर्जी को न्यायाधीश ने खारिज कर दिया है। गुरुवार को जमानत के लिए जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत में आवेदन किया जाएगा।” आकाश द्वारा नगर निगम के अधिकारियों की पिटाई करने वाला वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें हाथ में क्रिकेट बल्ला थामे आकाश एक अधिकारी के निचले हिस्से और पैरों पर प्रहार कर रहे हैं। वहीं भीड़ कई अन्य कर्मचारियों के साथ मारपीट करके उनके कपड़े फाड़ रही है।
नगर निगम के अधिकारी धीरेंद्र व्यास ने संवाददाताओं को बताया, “गंजी कंपाउंड क्षेत्र के जर्जर मकान को तोड़ने गए थे। इसी दौरान विधायक आकाश विजयवर्गीय ने अपने समर्थकों के साथ मिलकर क्रिकेट के बैट से पिटाई कर दी।” आकाश को जेल भेजे जाने के बाद से भाजपा कार्यकर्ता जेल के बाहर डेरा डाले हुए हैं। सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। कार्यकर्ताओं का कहना है कि जब तक आकाश जेल में रहेंगे वे जेल के बाहर डेरा डाले रहेंगे।