नई दिल्ली डेस्क/ दिल्ली उच्च न्यायालय ने ऑनलाइन भुगतान मंच पेटीएम के खिलाफ दायर एक जनहित याचिका पर रिजर्व बैंक से जवाब तलब किया है। कंपनी पर आरोप है कि वह नियमों का उल्लंघन कर कर्ज दे रही है। मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन और न्यायमूर्ति बृजेश सेठी की पीठ ने आरबीआई और पेटीएम पेमेंट बैंक लिमिटेड को नोटिस जारी कर इस याचिका पर अपना पक्ष रखने को कहा है।
इसमें दावा किया गया है कि कंपनी की ‘पोस्टपेड’ सेवा ऐसे संस्थाओं के लिए लागू कानून और दिशा-निर्देशों के विरूद्ध है। वित्तीय अर्थशास्त्री अभिजीत मिश्रा ने यह याचिका दायर की है। उनकी दलील है कि पेटीएम जैसे भुगतान बैंकों के संबंध में आरबीआई के दिशा-निर्देश कर्ज के वितरण संबंधी गतिविधियों की इजाजत नहीं देते हैं।
मिश्रा ने अधिवक्ता पायल बहल के जरिए दायर याचिका में कहा गया है, ”पेटीएम पेमेंट बैंक लिमिटेड पेटीएम पोस्टपेड के जरिए ग्राहकों को कर्ज वितरित कर रही है। यह भुगतान बैंक द्वारा ऋण वितरण को रोकने वाले दिशा-निर्देश का स्पष्ट उल्लंघन है।”