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बाढ़ग्रस्त इलाके में राहत पहुंचाने में सरकार उदासीन : मायावती

लखनऊ डेस्क/ बहुजन समाज पार्टी(बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने कहा कि यूपी के खासकर पूर्वांचल के जिलों में लगभग 100 लोगों की मौत व लाखों परिवारों का जीवन बाढ़ की समस्या से बेहाल है, लेकिन राहत पहुंचाने के मामले में सरकारी उदासीनता की शिकायत आम है। मायावती ने आज एक ट्वीट किया, "भारी बारिश से यूपी के खासकर पूर्वांचल के जिलों में लगभग 100 लोगों की मौत व लाखों परिवारों का जीवन बाढ़ व जलभराव की समस्या से काफी बेहाल व अति संकटग्रस्त है। इससे निजात दिलाने व राहत पहुंचाने के मामले में सरकारी उदासीनता की शिकायत आम है। सरकार तत्काल ध्यान दे तो बेहतर होगा।" उन्होंने एक अन्य ट्वीट में लिखा, 'साथ ही बाढ़ से पूर्वांचल में खेती-किसानी भी काफी ज्यादा प्रभावित हुई है, जिसपर केन्द्र व राज्य सरकार दोनों को फौरन पूरा ध्यान देने की जरूरत है। वरना गरीबी व बेरोजगारी की गंभीर समस्या से जुझ रहे इस क्षेत्र के करोड़ों लोगों का जीवन और भी ज्यादा दरिद्र व संकटग्रस्त बन जाएगा।' उन्होंने आगे लिखा, "अत: व्यापक जनहित व जनकल्याण में क्या यह उचित नहीं होगा कि गांधी जयंती को धूमधाम के बजाए पूरी सादगी व संजीदगी से मनाया जाए तथा जयंती के विभिन्न कार्यक्रमों पर खर्च होने वाले सरकारी व गैर सरकारी धन को बचाकर उन्हें अति-जरूरतमन्द लाखों बाढ़ पीड़ितों को राहत देने पर खर्च किया जाए।"

लखनऊ डेस्क/ बहुजन समाज पार्टी(बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने कहा कि यूपी के खासकर पूर्वांचल के जिलों में लगभग 100 लोगों की मौत व लाखों परिवारों का जीवन बाढ़ की समस्या से बेहाल है, लेकिन राहत पहुंचाने के मामले में सरकारी उदासीनता की शिकायत आम है।

मायावती ने आज एक ट्वीट किया, “भारी बारिश से यूपी के खासकर पूर्वांचल के जिलों में लगभग 100 लोगों की मौत व लाखों परिवारों का जीवन बाढ़ व जलभराव की समस्या से काफी बेहाल व अति संकटग्रस्त है। इससे निजात दिलाने व राहत पहुंचाने के मामले में सरकारी उदासीनता की शिकायत आम है। सरकार तत्काल ध्यान दे तो बेहतर होगा।”

उन्होंने एक अन्य ट्वीट में लिखा, ‘साथ ही बाढ़ से पूर्वांचल में खेती-किसानी भी काफी ज्यादा प्रभावित हुई है, जिसपर केन्द्र व राज्य सरकार दोनों को फौरन पूरा ध्यान देने की जरूरत है। वरना गरीबी व बेरोजगारी की गंभीर समस्या से जुझ रहे इस क्षेत्र के करोड़ों लोगों का जीवन और भी ज्यादा दरिद्र व संकटग्रस्त बन जाएगा।’

उन्होंने आगे लिखा, “अत: व्यापक जनहित व जनकल्याण में क्या यह उचित नहीं होगा कि गांधी जयंती को धूमधाम के बजाए पूरी सादगी व संजीदगी से मनाया जाए तथा जयंती के विभिन्न कार्यक्रमों पर खर्च होने वाले सरकारी व गैर सरकारी धन को बचाकर उन्हें अति-जरूरतमन्द लाखों बाढ़ पीड़ितों को राहत देने पर खर्च किया जाए।”

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