मुंबई डेस्क/ छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस के बाहर एक पैदल पार पुल का एक हिस्सा गिरने के एक दिन बाद एक प्राथमिक जांच में पुल के कंसल्टैंट्स को लापरवाही के लिए शुक्रवार को जिम्मेदार ठहराया गया है और उनके खिलाफ पुलिस कार्रवाई की मांग की गई है।
जांच रिपोर्ट में प्रोफेसर डी.डी. देसाई की एसोसिएटेड इंजीनियरिंग कंसल्टैंट्स एंड एनलिस्ट्स प्रा.लि. का नाम लिया गया है और कहा गया है, “यह मानने का प्रथम दृट्या कारण है कि पुल का ऑडिट गैरजिम्मेदाराना तरीके से और लापरवाही के साथ किया गया। यदि ढाचे का ऑडिट सही तरीके से किया गया होता तो इस हादसे से बचा जा सकता था।”
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि यह स्पष्ट है कि ढाचे का ऑडिट सही तरीके से नहीं किया गया और इसमें बड़ी खामियां सामने आई हैं। ऑडिट पुल के दुर्घटनाग्रस्त होने की संभावना का पता नहीं लगा पाई, जबकि इसकी ऑडिट में जनता का पैसा खर्च किया गया। पुल की सही दशा को सामने नहीं लाया गया। रपट में यह भी कहा गया है कि डी.डी. देसाई की कंपनी को बीएमसी के पैनल से तत्काल हटाया जाए और महाराष्ट्र सरकार को भी इसके लिए सूचित किया जाए।