सिंगापुर डेस्क/ वैश्विक रेटिंग एजेंसी मूडीज को उम्मीद है कि भारत सरकार चालू वित्त वर्ष में अपने जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) के 3.3 फीसदी के राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को प्राप्त कर लेगी, जबकि अमेरिकी रेटिंग एजेंसी की भारतीय सहयोगी कंपनी आईसीआरए ने कहा कि कच्चे तेल की उच्च कीमतों से देश के चालू खाते के घाटे (सीएडी) पर दवाब बढ़ेगा।
मूडीज ने भारत की संप्रभु क्रेडिट रेटिंग को बीएए2 स्थिर रखा है। मूडीज के उपाध्यक्ष विलियम फॉस्टर ने कहा, “हालांकि मूडीज को बजटीय राजस्व और व्यय लक्ष्यों में गिरावट की संभावना नजर आती है। लेकिन अनुमान है कि जरूरत पड़ने पर सरकार नियोजित पूंजीगत व्यय में कटौती कर सकती है, जैसा कि पिछले कुछ सालों से करती आ रही है। ताकि राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को पाया जा सके।”
उन्होंने कहा, “राजस्व के मोर्चे पर मूडीज का अनुमान है कि सरकार ने वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) और पेट्रोलियम उत्पादों पर उत्पाद शुल्क से जितना राजस्व जुटाने का अनुमान लगाया है, उससे कम हो सकता है।” आईसीआरए की रिपोर्ट में कहा गया कि कच्चे तेल की उच्च कीमतों के कारण देश के सीएडी में वृद्धि होगी, जिससे विदेशी पोर्टफोलियो निवेश में कमी आ सकती है।