लखनऊ डेस्क/ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य कर्मचारियों को दिवाली पर बोनस का तोहफा दिया है। मुख्यमंत्री ने गुरुवार को इस बहुप्रतीक्षित बोनस की मंजूरी दे दी। योगी के इस फैसले से प्रदेश के 14,82,187 कर्मचारियों को सीधे तौर पर फायदा मिलेगा। इससे राजकीय कोष पर 1022.75 करोड़ का व्यय भार आएगा। मुख्यमंत्री कार्यालय ने गुरुवार को ट्वीट कर बताया कि कोविड-19 की विभीषिका के बीच बदली परिस्थितियों के बीच इस बार प्रदेश में दिवाली पर बोनस मिलने को लेकर कर्मचारियों में असमंजस की स्थिति थी, लेकिन मुख्यमंत्री ने कर्मचारियों के हितों का संरक्षण करते हुए दिवाली पर बोनस देने का फैसला किया है।
मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार, प्रदेश के समस्त अराजपत्रित राज्य कर्मचारियों, राजकीय विभागों के कार्य प्रभारित कर्मचारियों, राज्य वित्त पोषित शिक्षण संस्थाओं, स्थानीय निकायों व जिला पंचायत के कर्मचारियों तथा दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को दिवाली पर बोनस मिलेगा। गत वर्ष की भांति बोनस की 75 प्रतिशत धनराशि भविष्य निधि खाते में जमा की जाएगी, जबकि 25 प्रतिशत धनराशि का नकद भुगतान किया जाएगा।
जो कर्मचारी भविष्य निधि खाते के सदस्य नहीं हैं, उन्हें धनराशि का आहरण कर उससे एनएससी दीी जाएगी या संबंधित धनराशि पीपीएफ खाते में जमा की जाएगी। जो कर्मचारी अधिवर्षता की आयु पर 31 मार्च, 2020 के बाद सेवानिवृत्त हो चुके हैं या 30 अप्रैल, 2021 तक सेवानिवृत्त होने वाले हैं, उनको अनुमन्य तदर्थ बोनस की संपूर्ण राशि का नकद भुगतान किया जाएगा।
तदर्थ बोनस के भुगतान की गणना के लिए मासिक परिलब्धियों की अधिकतम सीमा 7000 रुपये होगी। तदर्थ बोनस के लिए एक माह में औसत दिनों की संख्या 30.4 के आधार पर 31 मार्च, 2020 को ग्राह्य परिलब्धियों के अनुसार, 30 दिन की परिलब्धयां आगणित की जाएंगी।
31 मार्च, 2020 को वास्तविक औसत परिलब्धियां 7000 रुपये से ज्यादा होने की स्थिति में 7000 रुपये की परिकल्पित परिलब्धि मानकर 31 मार्च, 2020 को 30 दिन की परिलब्धियां तदर्थ बोनस के रूप में दी जाएंगी। तदर्थ बोनस की सुविधा दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को भी मिलेगी। ऐसे दैनिक वेतन कर्मचारी, जिन्होंने 6 कार्य दिवसीय सप्ताह वाले कार्यालयों में 31 मार्च, 2020 को 3 वर्ष या उससे अधिक समय तक लगातार कार्य किया हो और प्रत्येक वर्ष कम से कम 240 दिन कार्य किया हो और 5 कार्य दिवसीय सप्ताह वाले कार्यालयों के मामले में 3 या इससे अधिक वर्ष में हर वर्ष 206 दिन कार्यरत रहे हों। दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों के मामले में तदर्थ बोनस के आगणन के लिए अधिकतम मासिक परिलब्धियां 1200 रुपये प्रतिमाह मानी जाएगी।