गोरखपुर डेस्क/ भाजपा में चल रहे इस्तीफे के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दलितों के साथ खिचड़ी भोज करने के बाद कहा कि भ्रष्टाचार जिनके जीन्स का हिस्सा हो, वे सामाजिक न्याय की लड़ाई नहीं लड़ सकते। शुक्रवार को गोरखपुर में मुख्यमंत्री योगी झुंगिया गेट के समीप दलित के घर सहभोज के बाद मीडियाकर्मियों से बातचीत कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि इस दलित बस्ती में सुशासन और विकास का संदेश देने और अस्पृश्यता की भावना को पूरी तरह समाप्त करने के संकल्प को पूरा करने के लिए आए हैं। समतामूलक समाज की स्थापना,भ्रष्टाचार मुक्त, अपराध मुक्त व्यवस्था यानी सुशासन का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि वंशवाद, और परिवारवाद की राजनीति करने वाले सामाजिक न्याय के समर्थक नहीं हो सकते। सामाजिक समरसता और न्याय की लड़ाई भाजपा ने लड़ी है। सामाजिक न्याय यह है कि शासन की योजनाओं का लाभ हर गरीब को मिले, हर तबके के लोगों को मिले, उनके साथ सामाजिक-आर्थिक भेदभाव न हो, और, यही भाजपा का मूल मंत्र है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने पिछले पांच साल में पीएम मोदी के मार्ग में लागू कल्याणकारी योजनाओं का लाभ हर गांव, हर गरीब, हर किसान, मजदूर, महिला, नौजवान तक बिना भेदभाव पहुंचाया है। आज उसी का परिणाम है कि प्रदेश में 45 लाख गरीबों को आवास मिले,2.61 करोड़ गरीबों के घरों में शौचालय बने। किसी भी दलित बस्ती चले जाइये, यह सब दिखेगा। कोरोना महामारी के दौरान लोगों को मुफ्त डबल राशन दिया जा रहा है, यह डबल इंजन सरकार की तरफ से राहत का डबल डोज है। यह सब सामाजिक न्याय का ही हिस्सा है।
योगी ने कहा कि समाजवादी पार्टी की सरकार को देखे तो मात्र 18,000 आवास उन्होंने पांच साल में दिया था। गरीबों के मकान पर कब्जा, जमीनों पर कब्जा कर होता था। अगर यही सामाजिक समरसता है, तो उसका मैं विरोध करता हूं।