हिंदी न्यूज़

राज्यपाल ने गहलोत का विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने का प्रस्ताव ठुकराया

राज्यपाल ने गहलोत का विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने का प्रस्ताव ठुकराया

जयपुर डेस्क/ सोमवार को राजस्थान विधान सभा के स्पीकर सीपी जोशी ने राजस्थान उच्च न्यायालय के फ़ैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर अपनी याचिका वापस ले ली। हाई कोर्ट ने सचिन पायलट समेट 19 विधायकों को अयोग्य ठहराने संबंधी स्पीकर के नोटिस से असहमति जताते हुए कार्रवाई पर रोक लगा दी थी। स्पीकर ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती थी। पर सुप्रीम कोर्ट ने पिछले सप्ताह हाई कोर्ट के फ़ैसले पर स्टे लगाने से इनकार कर दिया था।

उधर, सोमवार को राज्यपाल कलराज मिश्र ने विधानसभा सत्र बुलाने के लिए गहलोत सरकार की ओर से भेजे गए प्रस्ताव को वापस लौटा दिया है। मिली जानकारी के अनुसार, राज भवन कार्यालय ने राज्य सरकार से कुछ अतिरिक्त जानकारियां मांगी है और विधानसभा सत्र बुलाने को लेकर फिलहाल कोई फ़ैसला नहीं किया गया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपनी सरकार बचाने के लिए एड़ी चोटी का ज़ोर लगाए हुए हैं।

गहलोत की रणनीति ये है कि विधानसभा का सत्र जल्द से जल्द बुलाकर सरकार पर मंडरा रहे ख़तरे को टाला जाए। सोमवार को ही बहुजन समाज पार्टी ने राजस्थान में संभावित शक्ति परीक्षण के मद्देनज़र अपने सभी छह विधायकों को व्हिप जारी कर गहलोत सरकार के ख़िलाफ़ वोट देने का निर्देश जारी कर दिया। ख़ास बात यह है कि ये व्हिप बसपा के सभी छह विधायकों के कांग्रेस में मिल जाने के दस महीने बाद जारी किया गया है।

हालांकि राज्य सभा चुनावों के दौरान भी बसपा ने निर्वाचन आयोग से संपर्क किया था कि इन विधायकों को बसपा का माना जाए लेकिन तब आयोग ने ये कहते हुए दख़ल देने से इनकार कर दिया था कि यह विषय विधानसभा अध्यक्ष के अधिकार क्षेत्र में आता है। इस बीच बीजेपी की राजस्थान प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने राज्यपाल और विधानसभा अध्यक्ष को चिट्ठी लिखकर कहा है कि राज्य में बसपा और कांग्रेस का कथित विलय असंवैधानिक है। ये मसला हाई कोर्ट में लंबित है | उन्होंने कहा, “एक संविधानिक और क़ानूनी स्थिति पैदा हो गई है | या तो हाई कोर्ट को इस मसले पर फ़ैसला करना चाहिए या फिर राज्यपाल को दख़ल देना चाहिए। “

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *