रामपुर डेस्क/ समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद आजम खान ने कहा कि मुसलमानों के पास 1947 में बटवारे के समय पाकिस्तान जाने या फिर भारत में ही रहकर बसने का विकल्प था और उन्होंने यहीं रहने का विकल्प चुना, इसलिए मुस्लिम सबसे बड़े देश भक्त हैं।
पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से दिसंबर 2014 से पहले भारत आए गैर-इस्लामी शरणार्थियों को नागरिकता देने वाले विधेयक के लोकसभा से पास हो जाने पर पत्रकारों से बात करते हुए आजम ने यहां यह बात कही।
उन्होंने कहा, “जो यहां रुके अन्य के मुकाबले वे बड़े देश भक्त हैं। अगर देशभक्ति के लिए यही सजा है तो मैं बस यह कह सकता हूं कि लोकतंत्र में केवल सिर गिने जाते हैं, दिमाग नहीं।”
आजम खान ने कहा कि विधेयक पर बहस के दौरान सरकार ने विपक्ष को नहीं सुना। उन्होंने कहा, “विधेयक का पास होना संख्याबल का खेल था। विपक्ष के पास संख्या नहीं थी, सरकार को चाहिए था कि विपक्ष क्या कहना चाहता है उसे सुना जाए।”
विधेयक लोकसभा में पहले ही मत विभाजन के माध्यम से पास हो चुका है। एक दिन पहले सोमवार को अपराह्न् चार बजे से विधेयक पर चर्चा शुरू हुई और सोमवार देर रात 12.06 बजे तक लंबी बहस के बाद इस विधेयक के पक्ष में 311 वोट पड़े और इसके विरोध में 80 वोट पड़े।