नई दिल्ली डेस्क/ पेट्रोल और डीजल के दाम में पिछले चार दिनों से हो रही कटौती से देश के उपभोक्ताओं को राहत मिली है, लेकिन रसोई गैस (एलपीजी) की कीमत बढ़ने के साथ-साथ इसकी सप्लाई प्रभावित होने से इस त्योहारी सीजन में उपभोक्ताओं की परेशानी बढ़ती जा रही है।
बीते महीने में सऊदी अरब की सरकारी कंपनी सऊदी अरामको के संयंत्रों पर पिछले महीने हुए ड्रोन हमले के बाद देश में तरलीकृत पेट्रोलियम गैस (एलपीजी) की सप्लाई प्रभावित हुई है क्योंकि भारत एलपीजी की अपनी कुल खपत का 48.59 फीसदी की पूर्ति आयात से करता है और सऊदी अरब भारत का एक बड़ा आपूर्तिकर्ता है।
पेट्रोलियम प्लानिंग एंड एनालिसिस सेल के आंकड़ों के अनुसार, पिछले वित्त वर्ष 2018-19 में भारत में एलपीजी की कुल खपत 249 लाख टन थी, जबकि एलपीजी का घरेलू उत्पादन 127.86 टन है।
एलपीजी वितरकों ने बताया कि गैस की आपूर्ति प्रभावित होने से उपभोक्ताओं को पिछले महीने तक जिस प्रकार से डिलीवरी की जाती थी उस रफ्तार से नहीं हो रही है। नोएडा के एक वितरक ने कहा कि पहले के मुकाबले अभी डिलीवरी में दो से तीन दिन की देरी हो रही है।
मालूम हो कि इस महीने के एक अक्टूबर से एलपीजी सिलेंडर के दाम बढ़ गए हैं। बिना सब्सिडी वाले एलपीजी सिलेंडर (14 किलो) का दाम दिल्ली में अब 605 रुपये, कोलकाता में 630 रुपये, मुंबई में 574.50 रुपये और चेन्नई में 620 रुपये हो गया है। एलपीजी सिलेंडर के दाम में लगातार दूसरे महीने वृद्धि हुई है।