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हाथरस केस : रेप सैंपल पर राय देना दो डॉक्टरों को पड़ा भारी, हुए टर्मिनेट

अलीगढ़ डेस्क/ सीबीआई जांच के एक दिन बाद अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जेएन मेडिकल कॉलेज में कार्यरत दो कैजुअल्टी मेडिकल अफसरों को टर्मिनेट कर दिया गया है। यह कार्रवाई वाइस चांसलर तारिक मंसूर ने की है। दोनों डॉक्टर हाथरस की कथित गैंगरेप पीड़िता के इलाज व उसकी मेडिकल रिपोर्ट तैयार करने में शामिल थे।

डॉक्टर अजीम मलिक का कहना है कि हमें कॉलेज में ड्यूटी करने के लिए बुलाया गया था, क्योंकि हमारे अन्य कई सीएमओ को कोविड-19 के दौरान लीव पर जाना पड़ा था। इसलिए हम यहां पर आए थे। बीच में हाथरस वाला भी मामला आया था। इसमें लड़की आई थी। हम अपनी ड्यूटी करते रहे। आज हमारे पास एक लेटर आया है, जिसमें हमें हटने के लिए कहा गया है। लेकिन इसके पीछे कोई कारण नहीं बताया गया है।

एक डॉक्टर ने विधि विज्ञान प्रयोगशाला की रिपोर्ट पर भी सवाल उठाए थे। कहा था कि घटना के 11 दिन बाद रेप की पुष्टि नहीं हो सकती है। यदि शुरुआत में पुलिस ने जांच कराई होती तो पुष्टि हो सकती थी। हालांकि बाद में उन्होंने इसे अपना निजी विचार बताया था। डॉक्टर ओबैद एवं डॉक्टर मोहम्मद अजीमुद्दीन मलिक की जेएन मेडिकल कॉलेज में लीव वैकेंसी के चलते नियुक्ति हुई थी।

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