नयी दिल्ली डेस्क/ तीस साल बाद एल.एल.बी. में दाखिल नहीं मिलेगा बीसीआई ने इसका पत्र देशभर के सभी विश्वविधालय और लॉ कॉलेजों को भेज दिया है। पांच वर्ष के कोर्स के लिए अधिकतम आयु सीमा 20 वर्ष रखी गई है। एसटी और ओबीसी के लिए यह सीमा 35 साल है। बार काउंसिल आफ इंडिया (बीसीआई) ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मार्च 2009 का फैसला दोबारा लागू कर दिया है। तीन वर्षीय और पांच वर्षीय एलएलबी में यह नियम लागू होगा।
बीसीआई के संयुक्त सचिव अशोक कुमार पांडे की ओर से भेजे गए पत्र के मुताबिक 2009 में आयु सीमा का नियम लागू करने के बाद कई जगहों पर इसके खिलाफ उच्च न्यायालयों में रिट फाइल की गई थी। इसके चलते बीसीआई ने 2013 में इस फैसले को वापस ले लिया था। बाद में बीसीआई के इस फैसले के खिलाफ मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै बेंच में रिट फाइल हुई, जिसमें न्यायालय ने बीसीआई के आयु सीमा खत्म करने के फैसले को गलत करार दिया। मामला बीसीआई लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंची।
सुप्रीम कोर्ट ने भी मद्रास हाईकोर्ट के फैसले पर मुहर लगाते हुए बीसीआई की रिट खारिज कर दी। इसके बाद दोबारा देशभर में बीसीआई के लीगल एजुकेशन रूल्स 2008 के क्लॉज 28 के तहत आयु सीमा लागू कर दी गई है। यानी अब एलएलबी में जो भी दाखिले किए जाएंगे, उन्हें उम्र सीमा भी मुख्य मुद्दा होगी। हर साल कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (क्लैट) से भी 12वीं पास युवाओं को पांच वर्षीय इंटिग्रेटेड एलएलबी में दाखिला मिलता है। इससे तमाम युवा ऐसे भी होंगे, जिनके कदम 12वीं पास करने पर आयु सीमा की वजह से रुक जाएंगे।
तीन वर्षीय एलएलबी : सामान्य के लिए 30 वर्ष और एससी, एसटी व ओबीसी के लिए 35 वर्ष।
पांच वर्षीय एलएलबी : सामान्य वर्ग के लिए 20 वर्ष और एससी, एसटी व ओबीसी के लिए 22 वर्ष।