लखनऊ डेस्क/ उत्तर प्रदेश की शिक्षा प्रणाली में बड़ा बदलाव होने वाला है। यूपी के डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा ने शिक्षा क्षेत्र में किए बड़े परिवर्तन किए हैं। डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने यूपी की शिक्षा प्रणाली में होने वाले बदलाव को लेकर बताया कि प्रदेश में स्कूलों के शैक्षणिक सत्र अब 1 अप्रैल से शुरू होगा, पहले ये 1 जुलाई से शुरू होता था।
वहीं, प्रदेश के सभी सरकारी एवं निज़ी स्कूलों में NCERT के सिलेबस को ही पढ़ाया जाएगा| इनमें NCERT की किताबों में 70 प्रतिशत NCERT और 30 फीसदी यूपी का अपना सिलेबस होगा। वहीं, गीता, महाभारत को सिलेबस में रखने के सवाल पर उन्होंने कहा कि अभी ऐसा कुछ भी नहीं है, लेकिन जो चीज़ें पहले से पढ़ाई गई हैं, उन्हें आगे भी पढ़ाया जाएगा। सिलेबस में कबीर के दोहे होंगे तो तुलसीदास के काव्य भी होंगे, साथ ही गणित के वैदिक फॉर्मूले भी होंगे।
प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था को डिजिटल बनाने की कवायद के तहत निर्णय लिया गया है कि अब यूपी के सरकारी स्कूलों और कॉलेजों में डिजिटल क्लास शुरू होंगी। डिजिटल क्लास के लिए इसी साल तक सभी सरकारी स्कूलों और कॉलेजों में वाई-फाई लगाया जाएगा। इस साल फाइनल एग्जाम में नकल रोकने की भी यूपी सरकार ने कवायद शुरू कर दी है। सभी परीक्षा केन्द्रों पर CCTV कैमरे लगाए जा रहे हैं। डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि नकल रोकना यूपी सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती है।
उल्लेखनीय है कि बीते वर्ष ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य की शिक्षा व्यवस्था में सुधार की जरूरत को महसूस करते हुए चेतावनी दी थी कि नकल माफिया से सख्ती से निपटा जाएगा। उन्होंने कोचिंग चलाने वाले शिक्षकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश भी जारी किए थे। राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया था कि मुख्यमंत्री योगी महसूस करते हैं कि राज्य की शिक्षा व्यवस्था में काफी सुधार की जरूरत है। राज्य सरकार इसे सुधारने के लिए हरसंभव प्रयास करेगी। जहां एक तरफ यह प्रयास किया जाएगा कि सभी परीक्षाएं समय पर हों, वहीं दूसरी तरफ राज्य सरकार यह भी कोशिश करेगी कि नकल पर पूरी तरह से लगाम लगे|