नयी दिल्ली डेस्क / भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह ने 27 अगस्त को भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की और 23 अगस्त को सभी राज्यों के सांगठनिक कोर समूहों की बैठक बुलाई है। इन बैठकों में सरकार और पार्टी के बीच बेहतर समन्वय, ‘‘गरीब-समर्थक’’ पहलों को बढ़ावा दिए जाने और डिजीटल मीडिया का इस्तेमाल बढ़ाने जैसे मुद्दों पर चर्चा हो सकती है। शाह की ओर से एक के बाद एक बैठकें करने का यह फैसला राज्यसभा में जीएसटी विधेयक पारित हो जाने की पृष्ठभूमि में आया है। इस विधेयक के अगले सप्ताह लोकसभा में पारित होने की उम्मीद है।
हालांकि पार्टी के सूत्रों ने इस बात पर जोर दिया कि इन बैठकों की वजह जीएसटी विधेयक नहीं है क्योंकि यह केंद्र और राज्यों के बीच का मामला है। शाह के एजेंडे में सांगठनिक मामले शीर्ष पर रहेंगे। सूत्रों ने कहा कि एजेंडे में मुख्य मुद्दों में सरकार और पार्टी के बीच बेहतर समन्वय करना, मोदी सरकार की ‘‘गरीब-समर्थित और कमजोर तबकों की पक्षधर’’ पहलों को बढ़ावा देना और पार्टी एवं सरकार के एजेंडे को बढ़ावा देने के लिए डिजीटल मीडिया का इस्तेमाल बढ़ाना शामिल है।
सूत्रों ने कहा कि जीएसटी के क्रियान्वयन का मुद्दा चर्चाओं में शामिल हो सकता है क्योंकि शाह का मानना है कि संसद में इसका पारित हो जाना एक महत्वपूर्ण उपलब्धि होगी और पार्टी शासित राज्यों की सरकारों को इसे सफल बनाने के लिए अपनी ओर से सर्वश्रेष्ठ प्रयास करना चाहिए। पार्टी अध्यक्ष इलाहाबाद में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में लिए गए फैसलों के क्रियान्वयन की भी समीक्षा करेंगे। जिन राज्यों में पार्टी पारंपरिक रूप से कमजोर है, उनमें पार्टी के आधार को विस्तार देने के लिए संगठन की ओर से किए जा रहे प्रयासों का वह जायजा लेंगे।