नई दिल्ली डेस्क/ केंद्र सरकार ने अभिनेता अमिताभ बच्चन से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महत्वाकांक्षी ‘स्वच्छ भारत अभियान’ का चेहरा बनने के लिए संपर्क किया है। इससे पहले खबरें थीं कि अमिताभ को सरकार के अतुल्य भारत अभियान का ब्रांड एम्बैसडर बनाने की योजना पर सरकार पुनर्विचार कर रही है। पहले अभिनेता आमिर खान इस अभियान के ब्रांड अंबेसेडर थे, लेकिन देश में असहिष्णुता के मुद्दे पर उनके बयान के बाद उन्हें इससे अलग कर दिया गया था। इसके बाद अमिताभ को अतुल्य भारत अभियान से जोड़ने की चर्चा हुई थी। हालांकि पनामा पेपर्स मामले में नाम सामने आने के बाद बच्चन के नाम की संभावना खारिज हो गई थी।
एक अधिकारी ने बताया कि शहरी विकास मंत्रालय ने 20 जून को बॉलीवुड दिग्गज को पत्र लिखकर ‘‘उनकी आवाज और पहचान’’ देने और अभियान के एक विशिष्ट हिस्से का प्रचार करने में सहयोग करने को कहा है। इस हिस्से में शहरों में जमा होने वाले कूड़े का इस्तेमाल खाद के तौर पर किए जाने के लिए इसकी बिक्री को प्रोत्साहित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वे अभिनेता के जवाब की प्रतीक्षा कर रहे हैं। मिशन के निदेशक प्रवीण प्रकाश द्वारा लिखे पत्र के मुताबिक सरकार जैव अपशिष्टों को खाद में बदलने को बढ़ावा देने के लिए अपने प्रयास तेज कर रही है ताकि इसका इस्तेमाल उर्वरक के रूप में किया जा सके और कचरे को भराव स्थलों तक ले जाने की प्रक्रिया को कम किया जा सके। पत्र के मुताबिक इस लिहाज से बच्चन को भागीदार बनने के लिए कहा जा रहा है।
पत्र के मुताबिक, ‘‘स्वच्छ भारत मिशन के बड़े हिस्से में सभी शहरी क्षेत्रों में ठोस कचरे का शत प्रतिशत वैज्ञानिक प्रबंधन शामिल है। सरकार ठोस कचरे के जैविक तरीके से सड़ने वाले हिस्से के प्रोसेसिंग को बढ़ावा देने के लिए उत्सुक है ताकि इसका इस्तेमाल उर्वरक के तौर पर हो सके।’’ इसमें लिखा है, ‘‘इस मुहिम को सफल बनाने के लिए इसे किसानों, नागरिकों, नर्सरियों और सार्वजनिक बगीचों में प्रचारित करने की भी जरूरत होगी।’’ पत्र में कहा गया है, ‘‘हमने संदेश को प्रसारित करने के लिए व्यापक प्रचार सामग्री :रेडियो विज्ञापन, टीवी विज्ञापन, पोस्टर, जिंगल आदि की योजना बनाई है। इस संबंध में अगर आप अपनी आवाज और पहचान रेडियो विज्ञापनों, टीवी विज्ञापनों और पोस्टरों के लिए मुहैया कराकर इन प्रचार कार्यक्रमों का चेहरा बनने के लिए सहमत होते हैं तो हम आपके आभारी होंगे।’’ मोदी ने दो अक्तूबर, 2014 को स्वच्छ भारत अभियान की शुरूआत इस उद्देश्य से की थी कि पांच साल की समयसीमा में देश को पूरी तरह निर्मल बनाया जाएगा।