नई दिल्ली डेस्क/ दुनिया भर में 90 फीसदी बोतलबंद पानी में प्लास्टिक के बारीक कण घुले हुए हैं। इनमें दुनिया के 9 देशों के 11 बड़े ब्रांड्स शामिल हैं जिनमें भारत की बिस्लरी, एक्वाफिना और ईवियन जैसी कंपनियां भी हैं। न्यूयॉर्क की स्टेट यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने इन ब्रांड्स के 27 लॉट में से 259 बोतलों का टेस्ट किया। इसके लिए दिल्ली, चेन्नई, मुंबई समेत दुनिया के 19 शहरों से नमूने लिए गए थे। इनमें प्लास्टिक के अवशेष पाए गए। विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस पर आई इस रिपोर्ट के मुताबिक, रिसर्चर्स को टेस्ट के दौरान एक लीटर की बोतल में 10.4 माइक्रोप्लास्टिक पार्टिकल्स मिले। यह इससे पहले हुई नल के पानी में पाए गए प्लास्टिक अवशेषों की तुलना में दोगुना है।
इस टेस्ट के लिए भारत समेत अमेरिका, चीन, ब्राजील, इंडोनेशिया, केन्या, लेबनान, मैक्सिको और थाईलैंड शामिल हैं। इस दौरान कुल 93 फीसदी नमूनों में प्लास्टिक के अवशेष पाए गए हैं।
भारत की बिस्लरी और एक्वाफिना के अलावा एक्वा, दसानी, एवियन, नेस्ले प्योर लाइफ और सान पेलेग्रिनो जैसे ब्रांड्स का नाम प्रमुख तौर पर दिया गया है। बिस्लरी, एप्यूरा, जेरोलस्टीनर, मिनाल्बा और वाहाहा जैसे ब्रांड्स में भी प्लास्टिक के अवशेष पाए गए हैं। रिसर्चर्स का मानना है कि पानी में ज्यादातर प्लास्टिक पानी को बोतल में भरते समय आता है। प्लास्टिक के अवशेषों में पॉलीप्रोपाइलीन, नायलॉन और पॉलीइथाईलीन टेरेपथालेट शामिल हैं। इन सबका इस्तेमाल बोतल का ढक्कन बनाने में होता है।
बता दें कि भारत में 10 करोड़ लोग आर्सेनिक, फ्लोराइड और यूरेनियम जैसे तत्वों से युक्त दूषित पानी पीने को मजबूर हैं। ये स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक हैं। यह खुलासा 100 से ज्यादा विशेषज्ञों ने गुरुवार को नई दिल्ली में एक कॉन्फ्रेंस में किया है।