TIL Desk औरैया:👉 औरैया जिले के दिबियापुर क्षेत्र में शुक्रवार को पुलिस व प्रशासन की मौजूदगी में सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने विभाग की राजकीय भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराने को लेकर मुनादी कराई। पूर्व में चिह्नित किए गए कुल 45 मकान व दुकानों को आज ढहाया जाएगा।
उच्च न्यायालय में दायर जनहित याचिका में दिए गए आदेश के अनुसार दिबियापुर कस्बा में सिंचाई विभाग व पीडब्ल्यूडी की जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराया जाना है। इसके लिए फरवरी माह के अंत में दिबियापुर में सिंचाई विभाग व पीडब्ल्यूडी ने अलग-अलग 639 दुकानों मकानों पर नोटिस चस्पा किए थे। लोगों से कब्जा एवं मलबा हटा लेने के लिए कहा गया था।
इसी कड़ी में शुक्रवार को कस्बा पुलिस प्रशासन के साथ सिंचाई विभाग ने मुनादी कराई। इसमें नहर पुल के पूर्व की ओर चिह्नित 45 मकानों व दुकानों को शनिवार को बुलडोजर से तोड़ने की चेतावनी दी गई। बुलडोजर से तोड़े जाने पर हर्जाना वसूले जाने के लिए भी आगाह किया गया। पहले चरण में 45 भवनों को तोड़ा जाएगा। इसके बाद बारी-बारी 639 भवनों को बुलडोजर चलाया जाएगा।
शनिवार को एडीएम एमपी सिंह, एसडीएम सदर राकेश कुमार भारी पुलिस बल व राजस्व टीम सहित सिंचाई विभाग एवं पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों के साथ नहर पुल के पास स्थित सिंचाई विभाग की जगह पर बने मकान व दुकान पर पहुंची। भारी पुलिस व प्रशासन को देख नहरवासियों में हड़कंप मच गया।
वहीं रूट डायवर्जन कर दिया और बिजली भी काट दी गई। टीम ने मौके पर पहुंचते ही अवैध निर्माण को जेसीबी से ध्वस्त करना शुरू कर दिया। अवैध निर्माण को पूरी तरह से बुलडोजर चलाकर नस्तानाबूद कर दिया गया। प्रशासन की इस कार्रवाई से कब्जेदारों में हड़कंप मच गया। सिंचाई विभाग ने कई बार कब्जा खाली करने के लिए नोटिस जारी किए। नगरवासी सिंचाई विभाग के नोटिसों की अनदेखी कर रहे थे। वहीं कुछ मकान मालिक सामान हटाने को मोहलत मांगते रहे लेकिन अधिकारी नहीं माने और सड़क पर लेट गए तो उनको पुलिस उठाकर थाने ले आई। देखते ही देखते आधा दर्जन से अधिक मकान और दुकानों को ध्वस्त कर दिया गया।