TIL Desk नई दिल्ली/ जल्द ही चुनाव आयोग दो सीटों पर चुनाव लड़ने के प्रावधान को खत्म कर सकता है। केंद्रीय कानून मंत्रालय को भेजे गए चुनाव सुधार के प्रस्तावों में इसकी भी सिफारिश की है। इस प्रस्ताव में चुनाव आयोग ने कहा है कि अगर सरकार इस प्रावधान को बनाए ही रखना चाहती है तो उपचुनाव का खर्च उठाने की जिम्मेदारी सीट छोड़ने वाले उम्मीदवार पर डाली जाए।
साथ ही चुनाव आयोग ने कहा कि विधानसभा व विधान परिषद के उपचुनाव में पांच लाख और लोकसभा उपचुनाव में दस लाख रुपए की राशि होनी चाहिए, जिसे सरकार समय-समय पर बढ़ा सकती है। साथ ही आयोग ने कहा कि प्रत्याशी का सीट छोड़ना वोटरों से अन्याय के समान है।
इससे पहले चुनाव आयोग ने 2004 में भी सिफारिश भेजी थी, लेकिन इसपर आगे कोई कार्रवाई नहीं हुई. 1996 में संसद में पारित हुए संशोधनों के अनुसार यह नियम बना दिया गया कि कोई भी उम्मीदवार एक साथ ज्यादा से ज्यादा दो सीटों से चुनाव लड़ पाएगा। इससे पहले उम्मीदवार कितनी भी सीट से चुनाव लड़ सकता था।