लखनऊ डेस्क/ डिस्पेंसर मशीनों में चिप लगा कर पेट्रोल-डीजल की चोरी में फंसे राजधानी के 29 और पेट्रोल पंप डीलरों के खिलाफ बृहस्पतिवार को एफआईआर दर्ज कराई गई। बाटमाप विभाग के निरीक्षक की ओर से दर्ज कराई गई रिपोर्ट से आईओसीएल के 17, एचपीसीएल के 10 और बीपीसीएल व एस्सार कंपनी के एक-एक पेट्रोल पंप संचालक कार्रवाई के घेरे में आ गए हैं। एडीएम आपूर्ति आशुतोष अग्निहोत्री के अनुसार शहर के छह पेट्रोल पंपों का लाइसेंस निरस्त कर दिया है जबकि घटतौली में फंसे 8 डीलरों से 80 हजार रुपये जुर्माना वसूला गया है।
राजधानी में अब तक 38 पेट्रोल पंप संचालकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जा चुकी है। एफआईआर दर्ज हो जाने के बाद पुलिस इन संचालकों के खिलाफ आराधिक वाद के तहत जांच पड़ताल कर कार्रवाई कर सकेगी। इससे पहले संचालकों के खिलाफ गठित टीमों की जांच रिपोर्ट के आधार जिला प्रशासन एसीजेएम प्रथम की कोर्ट में वाद दाखिल करने की प्रक्रिया शुरू कर चुका है।
एडीएम आपूर्ति ने बताया कि जांच के दौरान सिर्फ घटतौली में पकड़े गए 8 पेट्रोल पंप डीलरों के खिलाफ डिस्पेंसर मशीनों से टैंपरिंग या छेड़छाड न मिलने पर शमन (जुर्माना) की कार्रवाई की गई। यहां, पांच लीटर पेट्रोल में 40 से 50 मिली की घटतौली मिली थी। इन सभी पंपों से 80 हजार रुपये जुर्माना वसूला गया।
एडीएम आपूर्ति ने बताया कि राजधानी में वितरण से जुड़े एकमुश्त 43 पंपों का संचालन बंद होने से वितरण व्यवस्था बिगड़ने से बचाने के लिए घटतौली में फंसे आठ पंपों की सीज डिस्पेंसर यूनिट व नोजल से अगले दो-तीन दिनों में पेट्रोल वितरण शुरू कराने के लिए कार्रवाई की जा रही है।