नई दिल्ली डेस्क/ सीबीआई ने कांग्रेस नेता एवं उद्योगपति नवीन जिंदल, पूर्व कोयला राज्य मंत्री दसारी नारायण राव और अन्य के खिलाफ कोयला घोटाला मामले में विशेष अदालत के आदेश के तहत आगे की जांच की अंतिम रिपोर्ट आज दायर की। हालांकि विशेष न्यायाधीश भरत पराशर ने जांच अधिकारी द्वारा उचित प्रारूप में रिपोर्ट दायर नहीं किए जाने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की और उन्हें 23 जनवरी तक उचित प्रारूप में रिपोर्ट जमा करने को कहा।
अदालत के समक्ष आज दायर रिपोर्ट में सीएफएसएल रिपोर्ट, गवाहों की सूची एवं सीबीआई द्वारा रिकॉर्ड किए गए बयान शामिल हैं। इससे पहले अदालत ने रिपोर्ट दायर करने में देरी को लेकर सीबीआई को फटकार लगाई थी। सीबीआई ने अदालत से कहा था कि चार्टर्ड अकाउंटेंट सुरेश सिंघल की ओर से कुछ खुलासों के मद्देनजर उसे मामले की और जांच करने की आवश्यकता है। अदालत ने सीबीआई का यह अनुरोध स्वीकार कर लिया था। सिंघल ने सरकारी गवाह बनने के लिए अदालत से मंजूरी मांगी थी।
अदालत ने सिंघल की माफी की याचिका स्वीकार कर ली थी और आरोपियों की सूची से उसका नाम हटाए जाने का आदेश दिया था। सीबीआई ने आरोप लगाया था कि मामले में आरोपी एवं झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा ने झारखंड में अमरकोंडा मुर्गदंगल कोयला ब्लॉक के आवंटन में जिंदल समूह की फर्मों- जिंदल स्टील एवं पॉवर लिमिटेड एवं गगन स्पॉन्ज आयरन प्राइवेट लिमिटेड को अनुचित लाभ पहुंचाया। सीबीआई के दावे के विरोध में सभी आरोपियों ने कहा था कि कोई सबूत यह नहीं दर्शााता कि कोयला ब्लॉक आवंटन प्रक्रिया के दौरान वे किसी षड्यंत्र में शामिल थे। उन्होंने सीबीआई द्वारा आरोपपत्र में उन पर लगाए गए आरोपों को भी खारिज किया है।