लखनऊ डेस्क/ महिला से गैंगरेप में फंसे पूर्व कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति और उसके छह साथियों पर पीड़िता की नाबालिग बेटी से भी गैंगरेप का केस चलेगा। चित्रकूट की महिला व उसकी नाबालिग बेटी से गैंगरेप मामले में एसआईटी ने शुक्रवार को चार्जशीट पेश की। 611 पन्ने की चार्जशीट में गायत्री व उसके साथियों पर सभी आरोप सही पाए गए। एसआईटी प्रभारी सीओ चौक राधेश्याम राय ने बताया कि सभी सातों आरोपियों पर अश्लील हरकतों और स्त्री की लज्जा का अनादर करने की दो धाराएं भी जोड़ी गई हैं।
गायत्री और उसके गुर्गों पर पीड़िता ने नाबालिग बेटी से घिनौनी हरकतों का आरोप लगाया था। इस आधार पर एफआईआर में प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंसेज़ (पॉक्सो) एक्ट 2012 की 4/5 धारा शामिल की गई थी। यह धारा नाबालिग से छेड़छाड़ की है और दोषसिद्ध साबित होने में सात साल तक की सजा का प्रावधान है। विवेचना के बाद एसआईटी ने चार्जशीट में पॉक्सो एक्ट की 5/6 धारा लगाई है, जो नाबालिग से दुष्कर्म की है। इस धारा में दोषसिद्ध साबित होने पर दस साल तक की सजा है।
पीड़ित महिला ने गायत्री पर तीन साल के दौरान कई बार गैंगरेप का आरोप लगाया, लेकिन स्पष्ट रूप से सिर्फ एक तारीख बता सकी। यह तारीख थी 2016 को गायत्री के जन्मदिन की। पीड़िता ने एसआईटी को दिए बयान में बताया है कि गायत्री के बर्थडे पर नाबालिग बेटी के साथ वह भी उसके गौतमपल्ली स्थित सरकारी आवास पर आयोजित पार्टी में गई थी। पार्टी के बाद मां-बेटी को घर पर ही रोक लिया गया। अगले दिन गायत्री ने उसके साथ रेप किया और बेटी से रेप की कोशिश की। पुलिस के पास पीड़िता की तरफ से बताई गई रेप की सिर्फ यही एक तारीख है जो चार्जशीट का आधार बनी।