लखनऊ डेस्क/ डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में यूपी सरकार में खादी एवं ग्राम्य उद्योग मंत्री सत्यदेव पचौरी के गनर ने मरीजों की जान खतरे में डाल दी। दरअसल मंत्री की तबियत बिगड़ने पर उन्हें लोहिया अस्पलात में भर्ती कराया गया था, जहां डॉक्टरों ने उन्हें एमआरआई की सलाह दी। मंत्री जैसे ही एमआरआई कक्ष में पहुंचे उनके साथ उनका गनर भी अंदर चला गया जिसकी बंदूक एमआरआई मशीन में लगे चुंबक से चिपक गई और मशीन तेज आवाज के साथ बंद हो गई।
इसके बाद जांच के लिए जैसे ही मशीन ऑन की गई उसमें लगा चुंबक प्रभावी हो गया। गनर के पास मौजूद बंदूक उसके हाथ से छिटकी और मशीन में चिपक गई। इसके साथ ही तेज आवाज के साथ मशीन बंद हो गई। तेज आवास से कमरे में मौजूद मंत्री और डॉक्टर घबरा गए। इसके बाद मंत्रीजी हड़बड़ाहट में टेबल से उठे और बाहर भाग गए।
विशेषज्ञों की मानें तो मशीन से पिस्टल निकालने के लिए उसकी मैग्नेटिक फील्ड डिफ्यूज करनी पड़ेगी। बता दें, मशीन बंद होने के बाद भी उसमें पोलेराइज्ड मैग्नेटिक फील्ड बनी रहती है। ऐसे में मशीन के मैग्नेटिक एरिया की क्वैंचिंग करनी पड़ेगी। इसके बाद उसमें भरी 2500 लीटर से अधिक हीलियम गैस निकालकर दोबारा डालनी पड़ेगी। इस तरह से मरम्मत पर करीब 25 लाख रुपए खर्च होने का अनुमान है। वहीं कम से कम सात दिन मशीन को बनाने में लगेंगे।