लखनऊ डेस्क/ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) को साम्प्रदायिक बताने वालों को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि जो लोग मलिन बस्तियों के बीच निस्वार्थ भाव से काम कर लोगों में देश प्रेम की भावना भरते हैं उन्हें सांप्रदायिक कहा जाता है और जो लोग बहुसंख्यक समाज और महापुरुषों को गालियां देते हैं, तुष्टीकरण की राजनीति कर समाज को बांटने का काम करते हैं। उन्हें मानवतावादी कहा जाता है। ऐसे में एक बार बहस हो जाए कि कौन राष्ट्रवादी है और कौन सांप्रदायिक।
लखनऊ के केजीएमयू के साइंटिफिक कन्वेंशन सेंटर में विश्व हिंदू परिषद की ओर से आयोजित महाराज सुहेलदेव हिंदू विजयोत्सव कार्यक्रम में कहा कि अगर देश का सच्चा इतिहास लोगों के सामने आ गया तो जिन लोगों का जनता सम्मान करती है। उनका अपमान करेगी क्योंकि इस देश के इतिहास को राजनीतिक लाभ के लिए तोड़ा-मरोड़ा गया। उन्होंने कहा कि जो राष्ट्र के बारे में सोचते हैं, काम करते हैं उन्हें सांप्रदायिक कहा जाता है और जो बहुसंख्यकों को गाली देने वाले खुद को मानवतावादी बताते हैं।
उन्होंने आरएसएस की तारीफ की और कहा कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ निस्वार्थ देश की सेवा कर रहा है। कुछ लोग इसे सांप्रदायिक बताते हैं। उन्होंने कहा कि हम अपने पाठ्यक्रम में महापुरूषों की जीवनी को शामिल करेंगे, जिससे कि बच्चे अपने इतिहास के बारे में जानें। उन्होंने कहा कि ये काम आजादी के बाद से ही शुरू हो गया था। हमारे देश के स्वतंत्रता आंदोलन को विद्रोह कहा गया।