लखनऊ डेस्क/ राजधानी लखनऊ में एमबीबीएस में दाखिले के नाम पर करोड़ों की ठगी के मामले में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है| हजरतगंज पुलिस व साइबर क्राइम सेल की संयुक्त टीम ने फरार दंपति को हरियाणा से गिरफ्तार कर लिया है| ये दोनों करीब 4 महीने से हरियाणा के फरीदाबाद में किराये के मकान में रह रहे थे| पुलिस के अनुसार बलरामपुर के रहने वाले डॉ.अशोक कुमार श्रीवास्तव सीएमओ आफिस, हरदोई से जिला शोध अधिकारी के पद से रिटायर हुए| लखनऊ के इंदिरानगर में रहते हुए अशोक ने वर्ष 2012 में अपनी पत्नी सरोज श्रीवास्तव के साथ मिलकर प्रज्ञा आइएएस के नाम से एक संस्था बनाई|
तीन साल बाद 2015 में अशोक मार्ग स्थित टीएस टॉवर काम्प्लेक्स में प्रज्ञा आइएएस कोचिंग की शुरुआत की, जिसकी प्रोपराइटर सरोज श्रीवास्तव थीं| डॉ.अशोक ने मेडिकल कॉलेज में मैनेजमेंट कोटे में एमबीबीएस व पीजी कोर्स में दाखिला दिलाने का झांसा देकर छात्र-छात्रओं से करोड़ों रुपये ठगे| यहां तक कि कई को फर्जी एडमिशन लेटर तक थमा दिया गया| जब पीड़ितों ने फरवरी 2016 में हजरतगंज कोतवाली में शिकायत की तो मामले में धोखाधड़ी के तीन अलग-अलग मुकदमे दर्ज कराए गए| इसके बाद मार्च 2016 डॉ.अशोक फरार हो गया| उनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार कोशिश कर रही थी|
पुलिस के अनुसार डॉ.अशोक छात्रों से बेंगलुरु मेडिकल कॉलेज, कानपुर स्थित गणोश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कॉलेज व एक निजी मेडिकल कॉलेज के अलावा अन्य मेडिकल कॉलेज में दाखिला कराने का दावा करता था| उसके खिलाफ इसी तरह का एक मामला बरेली के इज्जतनगर थाने में भी अप्रैल 2017 में दर्ज कराया गया| आरोप है कि डॉ.अशोक ने एमबीबीएस में दाखिले के नाम पर एक छात्र से 8 लाख रुपये हड़पे| पुलिस के अनुसार क्लाइंट के हिसाब से ये रेट तय करता था| इसमें दाखिले के नाम पर 5 से लेकर 32 लाख रुपये तक ठगे गए| हजरतगंज कोतवाली में अंबेडकरनगर के अकबरपुर निवासी डॉ.कृपाशंकर पांडेय ने 20 लाख रुपये हड़पने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी|