लखनऊ डेस्क/ सीएम योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को अपनी सरकार की 11वीं कैबिनेट मीटिंग का आयोजन किया। इसमें प्रदेश में डॉक्टरों की कमी को दूर करने का फैसला लिया गया। सीएचसी और पीएचसी दोनों में डॉक्टरों की तैनाती होगी। गांव और दूरदराज इलाकों में सेवा देने वालों डॉक्टरों के लिए सवा लाख रुपए तक वेतन देने का फैसला किया गया है। वहीं, बड़े शहरों में नौकरी पाने वालों डॉक्टरों की सैलरी 50 हजार रुपए से शुरू होगी। ये नौकरी एक-एक साल के कांट्रैक्ट पर आधारित होगी। कैबिनेट मीटिंग में 6 बिन्दुओं पर चर्चा हुई।
सरकार के प्रवक्ता और स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने बताया, कैबिनेट मीटिंग में डॉक्टरों की ट्रांसफर पालिसी को मंजूरी दी गई है। स्वास्थ्य विभाग में कुल 18382 डॉक्टर के पद हैं जिसमें 7348 पद खाली हैं। वहीं, सीएचसी में 4598 पद खाली हैं। स्पेशलिस्ट डॉक्टरों के लिए जो 2 हजार पद बनाए गए थे, वो भी पूरे नहीं भरे गए हैं। उन्होंने बताया कि डॉक्टरों की कमी को पूरा करने के लिए खुली भर्ती होगी। हर जिले में ऑनलाइन इंटरव्यू होगा। डीजी हेल्थ इस एक साल के लिए डॉक्टरों को कांट्रैक्ट पर लिया जाएगा। कोई एडमिनिस्ट्रेटिव काम नहीं लिया। इनकी सैलरी पैकेट 50 हजार से 60 हजार तक होगी।
गांवों में नौकरी करने वाले डॉक्टरों की सैलरी 65 हजार से 1 लाख रुपए तक दी जाएगी। अभी के लिए 15 जून से 30 जून तक एप्लीकेशन लिए जाएंगे। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि नौकरी देने और तबादला करने के लिए ए से लेकर डी श्रेणी तक जिलों को चिन्हित किया गया है। ऐ श्रेणी में 16 जिले में हैं। इसमें लखनऊ, रायबरेली, कानपुर, बाराबंकी, आगरा, बरेली, मेरठ, गाजियाबाद, झांसी, इलाहाबाद, नोएडा और वाराणसी आदि शामिल हैं। इसी तरह बी श्रेणी में 28 जिले, सी श्रेणी में 19 जिले और डी श्रेणी में 11 जिले हैं, इनमें श्रावस्ती और बलरामपुर जिलों को शामिल किया गया है। इन जिलों में श्रेणी के आधार पर डॉक्टरों की तैनाती होगी और उनकी सैलरी तय की जाएगी।